कानपुर (उत्त्तरप्रदेश) में हिन्दू धर्म स्वीकारने की इच्छा व्यक्त करने वाले मुसलमान युवक को धर्मांधों ने अमानवीयता से मारा
इस विषय में धर्मनिरपेक्षतावादी, आधुनिकतावादी बोलेंगे क्या या ऐसी घटनाओं में धर्मनिरपेक्षता आदि दिखना आवश्यक नहीं, ऐसा उन्हें लगता है ?