कानपुर (उत्त्तरप्रदेश) में हिन्दू धर्म स्वीकारने की इच्छा व्यक्त करने वाले मुसलमान युवक को धर्मांधों ने अमानवीयता से मारा

इस विषय में धर्मनिरपेक्षतावादी, आधुनिकतावादी बोलेंगे क्या या ऐसी घटनाओं में धर्मनिरपेक्षता आदि दिखना आवश्यक नहीं, ऐसा उन्हें लगता है ? – संपादक

कानपुर (उत्त्तरप्रदेश) – यहां के कर्नलगंज पुलिस थाने की सीमा में रहने वाले असलम अली नामक युवक द्वारा मुसलमान धर्म छोडकर हिन्दू धर्म में प्रवेश करने की इच्छा व्यक्त करने पर उसे धर्मांधों ने अमानवीयता से मारा । इसके बाद असलम ने उसे मारने वालों के विरोध में पुलिस थाने में शिकायत प्रविष्ट की । पुलिस ने संबंधित लोगों पर गुनाह प्रविष्ट किया है । पुलिस ने ‘वह युवक मानसिक रोगी है’, ऐसा बताया । (मुसलमान धर्म छोडकर कोई हिन्दू धर्म में आ रहा होगा, तो पुलिस को वह ‘मानसिक रोगी’ कैसे लगता है ,कहीं पूलिस ही मानसिक रोगी तो नहीं? ऐसा प्रश्न सामने आता है । उत्तरप्रदेश में भाजपा सरकार के रहते वहां की पुलिस की ऐसी मानसिकता होना हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं । सरकार को ऐसी पुलिस को समझ देनी चाहिए ! – संपादक)

असलम ने कहा, ‘‘ परिसर के लोग मुझे बहुत परेशान करते हैं, मोहम्मद अली नाम के एक युवक ने मुझे अमानवीयता से मारा और मुझे अनेकों बार परेशान किया । अब मैं ‘जिहादी’ बनकर नहीं जी सकता । परिसर में रहने वाले लोग मुझे मुसलमान धर्मं में ही रहने को कह रहे हैं; लेकिन अब मुझे हिन्दू होना है । मुझे हिन्दू बनकर मेरा व्यवसाय चलाना है । या तो मैं हिन्दू हो जाउंगा या तो यह परिसर छोड अन्य कहीं जाऊंगा ।’’