पाक ने भारतीय मछुआरों की नौका पकडी
पाकिस्तान के समुद्री सुरक्षा बल ने १३ मई के दिन भारतीय मछुआरों की ‘अल् किरमानी’ नौका पकड ली गई है । इस नौका में सवार ८ मछुआरों को पकड लिया गया है ।
पाकिस्तान के समुद्री सुरक्षा बल ने १३ मई के दिन भारतीय मछुआरों की ‘अल् किरमानी’ नौका पकड ली गई है । इस नौका में सवार ८ मछुआरों को पकड लिया गया है ।
मुसलमानों के धार्मिक मामलों के संबंध में निर्णय विरोध में जाने से न्यायाधीश को डर क्यों लगता है ? इसके पीछे का कारण देश के प्रत्येक नागरिक को पता है । दूसरी ओर हिन्दुओं के धार्मिक मामलों में निर्णय विरोध में जाने पर भी कुछ नहीं होगा इस कारण न्यायाधीश को कभी भी भय नहीं लगता, क्या धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी इस विषय पर मुंह खोलेंगे ?
वाराणसी की दिवानी न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण और चित्रीकरण १७ मई तक पूर्ण करने का आदेश देने के बाद १३ मई के दिन सुबह ८ से दोपहर १२ बजे के बीच प्रारंभ होनेवाला था; परंतु यह हो नहीं पाया । १४ मई से इसका प्रारंभ होगा, ऐसी जानकारी वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मुसलमान पत्रकारों के साथ हुई बैठक के उपरांत दी ।
हिन्दुओ, मुसलमानों से सीखो ! इसके पहले सर्वेक्षण करने के समय मुसलमानों ने बल का प्रयोग कर उसका विरोध किया । अब इसका लाभ नहीं हो रहा, यह ध्यान में आने पर उन्होंने कानून का भय दिखाने के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया ! कितने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए न्याय मांगने के लिए इतनी तत्परता से कृति करते हैं ?
उत्तरप्रदेश की भाजपा योगी आदित्यनाथ सरकार का अभिनंदन ! उनका आदर्श लेकर देश के अन्य भाजपा शासित राज्यों को भी आगे आकर यह निर्णय लेना होगा !
(जिहादी आतंकवादी पुलिस एवं प्रशासन को यही दिखाना चाहते हैं कि कश्मीर में अब हमारा ही राज है । सरकार ध्यान रखे, ‘‘जब तक पाक को नष्ट किया नहीं जाता, तब तक आतंकवाद नष्ट करना कठिन है’’ ! – संपादक)
हिन्दुओं को लगता है कि केंद्र में विगत ८ वर्षाें से भाजपा की सरकार होते हुए एवं धारा ३७० हटाने के पश्चात भी कश्मीर में आज भी हिन्दू असुरक्षित ही हैं, यह वस्तुस्थिति है और कश्मीरी हिन्दुओं का क्रोध आवश्यक है !
वाराणसी, यहां के न्यायालय में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण के उपरांत मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद का भी सर्वेक्षण एवं चित्रीकरण की मांग से संबंधित याचिका प्रविष्ट की गई थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर ली है ।
तृणमूल कांग्रेस दल के अनेक कार्यकर्ता बम बनाने से लेकर हत्या करने जैसे अनेक अपराथों में सम्मिलित होने की बात समय-समय पर सिद्ध हुई है । पार्टी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए !
पंजाब में बढ़ते खालिस्तानी आतंकवाद को नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार को अभी से ऐसे आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए !