केंद्र और राज्य सरकार हमारी रक्षा करने में असमर्थ !

राहुल भट की हत्या के पश्चात संतप्त कश्मीरी हिन्दुओं का आरोप

जम्मु – जिहादी आतंकवादियों ने तहसीलदार कार्यालय में घुसकर कश्मीर के बडगाव जिले के चदूरा में राहुल भट नामक हिन्दू सरकारी कर्मचारी की हत्या कर दी जिससे अब वहां असंतोष व्याप्त है । इसके विरुद्ध कश्मीरी हिन्दुओं द्वारा प्रत्येक स्थान पर प्रदर्शन करके केंद्र एवं जम्मु-कश्मीर सरकार के विरोध में घोषणाएं की जा रही हैं । हिन्दुओं ने आरोप लगाया है कि कश्मीरी हिन्दुओं पर निरंतर आक्रमण किए जाते हैं, तो भी केंद्र और राज्य सरकारें उनकी रक्षा करने में असमर्थ दिख रही हैं । हिन्दुओं ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा की गारंटी न मिलने पर काम नहीं करेंगे । कश्मीरी हिन्दुओं ने बारामुल्ला-श्रीनगर महामार्ग एवं जम्मु-श्रीनगर महामार्ग को रोककर केंद्र सरकार एवं जम्मु-कश्मीर के नायब राज्यपाल मनोज सिन्हा के विरुद्ध घोषणाएं कीं । इस समय भीड को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज कर अश्रुगैस छोडे ।

आंदोलनकारियों ने नायब राज्यपाल मनोज सिन्हा के आने तक मृतदेह न लेने का निश्चय किया था; परंतु प्रशासन के समझाने के पश्चात राहुल की मृतदेह नियंत्रण में ली गई । १३ मई को राहुल की पार्थिवदेह पर अंत्यसंस्कार किए गए ।

स्थानांतर के आवेदन पर प्रशासन द्वारा विचार नहीं किया गया ! – राहुल के पिताजी का आरोप

राहुल भट के पिताजी ने कहा कि राहुल गत अनेक मास से स्थानांतर के लिए आवेदन दे रहा था; परंतु जिला प्रशासन ने उस पर कोई विचार नहीं किया । यदि सरकारी कार्यालय में हिन्दू सुरक्षित न हों, तो वे कहां सुरक्षित होंगे ? कश्मीरी हिन्दुओं की रक्षा करने में सरकार पूरी तरह असमर्थ है ।

यदि प्रतिशोध नहीं ले सकते, तो हिन्दुत्व की डींगें मारने का क्या अर्थ है ? – कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद

राहुल भट की हत्या के विषय में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रश्न उठाया है कि जिस प्रकार मोदी सरकार इस घटना को सहजता से ले रही है, उन्हें वैसा नहीं करना चाहिए । यदि सरकार भयभीत होकर प्रतिशोध नहीं ले सकती, तो हिन्दुत्व की डींगें मारने का क्या अर्थ है ?’

उन्होंने आवाहन किया है कि मोदी को केवल जम्मु जाने के स्थान पर श्रीनगर भी जाना चाहिए ।

संपादकीय भूमिका

हिन्दुओं को लगता है कि केंद्र में विगत ८ वर्षाें से भाजपा की सरकार होते हुए एवं धारा ३७० हटाने के पश्चात भी कश्मीर में आज भी हिन्दू असुरक्षित ही हैं, यह वस्तुस्थिति है और कश्मीरी हिन्दुओं का क्रोध आवश्यक है !