मस्जिद के सर्वेक्षण पर स्थगिति लाने से उच्चतम न्यायालय का नकार !

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का मामला

नई दिल्ली – वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और शृंगारगौरी मंदिर का सर्वेक्षण और चित्रीकरण आगामी १७ मई तक पूर्ण कर उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ऐसा आदेश वाराणसी की दिवानी न्यायालय ने १२ मई के दिन हुई सुनवाई के समय दिया । ज्ञानवापी मस्जिद का ताला खोलने की भी अनुमति दी गई है । दिवानी न्यायालय के इस आदेश पर स्थगिति लाने के लिए वाराणसी की ‘अंजुमन- ए- इंतेजामिया मस्जिद’ की व्यवस्थापन समिति ने उच्चतम न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की । याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा है कि यह ‘प्लेसेस ऑफ वरशिप ऐक्ट’ का उल्लंघन है । इस पर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमणा ने कहा, ‘‘मुझे कोई भी जानकारी नहीं । मैं ऐसा आदेश कैसे दे सकता हूं ? मैं मामले का अध्ययन करूंगा । मुझे विचार करने के लिए समय दें !’’ ऐसा कहते हुए उन्होंने सर्वेक्षण की स्थगिति की मांग को अस्वीकृत कर दिया ।

संपादकीय भूमिका

हिन्दुओ, मुसलमानों से सीखो ! इसके पहले सर्वेक्षण करने के समय मुसलमानों ने बल का प्रयोग कर उसका विरोध किया । अब इसका लाभ नहीं हो रहा, यह ध्यान में आने पर उन्होंने कानून का भय दिखाने के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया ! कितने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए न्याय मांगने के लिए इतनी तत्परता से कृति करते हैं ?