दो नेपाली नागरिकों को वहां के न्यायालय ने अपराधी ठहराया !

भारत में बमविस्फोट करने का किया था प्रयास !
२ भारतीय नागरिकों की हत्या की थी !

बकरियों की हत्या पर रोक लगाने से कोलकाता हाई कोर्ट ने मना किया !

क्या हिन्दू परंपराओं का अपमान करने में आनंद लेने वाले इस एनजीओ ने कभी ईद के समय बकरों की बलि का विरोध किया है ?

देहली उच्च न्यायालय ने समान नागरिक कानून पर सुनवाई रोकी !

‘भारतीय कानून आयोग इस पर पहले से काम कर रहा है । इस कारण हम संसद को इसके लिए अलग से कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकते’, ऐसा न्यायालय ने स्पष्ट किया ।

झूठ अथवा बदले की भावना के कारण बलात्कार की शिकायतों में वृद्धि हो रही है; इसलिए पीड़िता का जवाब ठोस प्रमाण नहीं हो सकता ! – कोलकाता उच्च न्यायालय

इस प्रकरण में बलात्कार का दंड भोग रहे आरोपी की दंड को चुनौती देने वाली याचिका न्यायालय ने स्वीकार कर ली है ।

रूस में ‘एल्.जी.बी.टी.क्यू.’ आंदोलन पर प्रतिबंध !

रूस के सर्वाेच्च न्यायालय ने देश में ‘एल्.जी.बी.टी.क्यू.’ आंदोलन पर प्रतिबंध लगाया । रूस के कानून मंत्रालय ने प्रतिबंध लगाने की मांग की थी । न्यायालय ने इसे सहमति दर्शाई ।

प्रदूषण नियंत्रण; परंतु अपनी सुविधा के अनुसार !

त्योहार-उत्सव, चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो; परंतु उससे यदि प्रदूषण होता हो, तो उसे रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग एवं सरकार का शुद्ध उद्देश्य होना चाहिए । केवल हिन्दू त्योहारों के समय ही प्रदूषण का ढिंढोरा पीटना तथा पूरे वर्ष में होनेवाले प्रदूषण की अनदेखी करना, इससे प्रदूषण नहीं रुकेगा ।

क्या ‘सी.बी.आई.’ के पास की पिस्तौल से हत्या हुई ?

वामपंथियों की हिन्दुओं के विरुद्ध वर्षाें से चली आ रही अनेक स्तरों की लडाई तथा उनके द्वारा की गई सहस्रों हत्याओं को देखते हुए उक्त ४ वामपंथियों की हत्या का ठीकरा हिन्दुओं के सर पर फोडने के उनके अथक प्रयास इस बडी जांच में समाहित इस एक प्रकरण से भी समझ में आएंगे ।

क्या मंदिरों में प्रातःसमय की जानेवाली आरती से शोर नहीं होता ? – उच्च न्यायलय का प्रश्न

अनेक घटनाओं में पुलिस कार्यवाही करती भी है; परंतु सत्य तो यह है कि जिस तत्परता से मंदिरों पर लगाए भोपुओं के विरुद्ध कार्यवाही होती है, उस तत्परता से मस्जिदों पर लगाए भोपुओं पर नहीं होती । नागरिकों की ऐसी अपेक्षा है कि न्यायालय इस बात की ओर भी ध्यान दें ।

अपने प्रेमी को अपनी ७ वर्ष की बेटी से बलात्कार की अनुमति देनेवाली महिला को ४० वर्षों के कारावास का दंड !

पीडिता एवं उसकी ११ वर्ष की बहन को शांत रहने के लिए धमकाया गया था । ये दोनों लडकियां भाग कर दादी के घर गईं  उसके पश्चात यह प्रकरण सामने आया है ।