नई देहली – देहली उच्च न्यायालय ने समान नागरिक कानून पर सुनवाई रोक दी है । ‘भारतीय कानून आयोग इस पर पहले से काम कर रहा है । इस कारण हम संसद को इसके लिए अलग से कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकते’, ऐसा न्यायालय ने स्पष्ट किया । लिंग और धर्म तटस्थ कानून के लिए अधिवक्ता श्री. अश्विनी कुमार उपाध्याय ने उच्चतम न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । उच्च न्यायालय में भी यह याचिका प्रविष्ट करने वालों में उपाध्याय शामिल हैं ।
देहली उच्च न्यायालय ने २१ नवंबर को कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने इस सूत्र पर पहले ही निर्णय दिया होगा, तो हम कुछ भी कर नहीं सकते । सुनवाई के समय केंद्र सरकार ने भूमिका रखते हुए ‘कोई भी कानून बनाना अथवा न बनाना, यह विधिमंडल का काम है । जनता द्वारा चुनकर दिए प्रतिनिधि यह तय करते हैं । न्यायालय इस संबंध में कोई भी निर्देश प्रसारित नहीं कर सकता । याचिकाकर्ताओं द्वारा की मांग कानून में और वस्तुस्थिति पर टिकने वाली नहीं । इस कारण यह मांग नकारे जाने की संभावना है । ‘पीडित व्यक्ति ने न्यायालय में शरण ली है’, ऐसा दिखानेवाला कुछ भी याचिका में नहीं है ।