(कहते हैं) ‘आतंकवाद से मिली सत्ता को हम टिका कर दिखायेंगे !

तालिबान ने अफगानिस्तान में पहले भी सत्ता स्थापित की थी, किन्तु वह ५ वर्ष से अधिक नहीं टिक सकी, यह इतिहास है। तालिबान को इसे सदा स्मरण रखना चाहिए !

सहस्रों अफगानी नागरिकों द्वारा सीमा पार कर पाकिस्तान में घुसने का प्रयास !

अफगान नागरिक सीमा पार से पाकिस्तान में घुसने का प्रयास कर रहे हैं । अफगानी नागरिक सीमा पर स्थित प्रवेशद्वार खोलने की मांग कर रहे हैं । एक ब्योरे के अनुसार इस बार लगभग १४ लाख से अधिक अफगानी शरणार्थी बनकर पाकिस्तान भाग गए हैं ।

भारतीय उपमहाद्वीप में भारत एक महत्वपूर्ण देश है ! – तालिबान

भारतीय उपमहाद्वीप में भारत एक महत्वपूर्ण देश है, यह विश्व को ज्ञात है । इसलिए, तालिबान को इस तरह की बातें नहीं करना चाहिए और अपनी सीमा में रहना चाहिए; क्योंकि अगर भारत आक्रामक हो गया तो उसकी  क्या गति होगी, उसे सोचना चाहिए !

पाकिस्तान हमारा दूसरा घर है ! – तालिबान

‘तालिबान, पाकिस्तान को अपना दूसरा घर मानता है और अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान के विरुद्ध किसी भी कार्रवाई की अनुमति नहीं देगा’, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है ।

(कहते हैं) ‘तालिबान को महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, यह ज्ञात न होने से उन्हें इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा !’ – तालिबान

महिलाओं और लडकियों के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए, इसका सामान्य ज्ञान भी न होनेवाले कहते हैं कि वे अफगानिस्तान पर राज्य करेंगे !

अमेरिका ने अफगानिस्तान के साथ युद्ध करने हेतु ओसामा बिन लादेन का उपयोग किया ! – तालिबान

अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो भी कुछ किया, वह समर्थनीय नहीं है; परंतु तालिबान भी जो आतंकी गतिविधियां चला रहा है, उनका भी समर्थन नहीं किया जा सकता ।

काबुल हवाई अड्डे पर पानी की बोतल ३ सहस्र रुपए को, तो भोजन ७.५ सहस्र रुपए को !

अफगानिस्तान छोडकर जा रहे नागरिकों की काबुल हवाई अड्डे पर हो रही दुर्गति !

अफगानिस्तान से अमेरिका लाए गए अफगानी नागरिकों में सहस्रो आतंकवादी ! – डोनाल्ड ट्रम्प का दावा

‘भारत में भी तो ऐसा नहीं हुआ ?’ यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जांचना आवश्क !

(कहते हैं) तालिबान एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समान ही हैं !

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आर् ध्रुवनारायण का द्वेषपूर्ण वक्तव्य !

विश्व के ६० देशों ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता रोक दी  !

दूसरी ओर, अफगानिस्तान की सहायता करने की भूमिका चीन ने प्रस्तुत की है । तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के पश्चात अमेरिका के बैंकों में होने वाले अफगान सरकार के खाते बंद कर दिए गए हैं ।