‘भारतीय भाषा, वेष और विचारों की पुनर्स्थापना से ही देश स्वतंत्र एवं स्थिर हो सकेगा’, यह संदेश देने के लिए यह गणतंत्र दिवस आया है ।
हमारे राष्ट्रपुरुषों के आत्मसमर्पण के मूल में सनातन धर्म की प्रेरणा थी । उसका विस्मरण होने के कारण क्या हम एक राष्ट्र बनकर रह सकते हैं ? आज गणतंत्र दिवस निमित्त यही प्रश्न हमारे सामने है ।