गया (बिहार) में पिंडदान करने के लिए नगर निगम लेगा ५ रुपए शुल्क 

  • हिन्दुओं की धार्मिक कृतियों पर ऐसा शुल्क लगाना, अर्थात नया औरंगजेबी ‘जजिया कर’ ही है ! हिन्दू संगठनों को इसका कठोर विरोध करना चाहिए तथा इसे निरस्त करने के लिए बाध्य करना चाहिए ! – संपादक
  • सरकार द्वारा, एक ओर, मुसलमानों का तुष्टिकरण करने के लिए मदरसों में आधुनिक शिक्षा के लिए अनुदान एवं अन्य सुविधाओं पर पैसा उडाया जाता है, जबकि दूसरी ओर, हिन्दुओं की तीर्थयात्रियों पर अतिरिक्त यात्रा शुल्क लगाए जाने के प्रकरण होते हुए दिखाई देते हैं । यह है भारत में ‘धर्मनिरपेक्षता’ की परिभाषा ! ध्यान दें कि, धर्मनिरपेक्ष सरकारी व्यवस्था के इस अन्याय का एकमात्र समाधान ‘हिन्दू राष्ट्र’ है ! – संपादक

गया (बिहार) – गया नगर पालिका द्वारा शहर में जहां पिंडदान किया जाता है, उन ५० ‘पिंड वेदी’ पर पिंड दान करने आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ५ रुपए शुल्क लिया जाएगा । नगर पालिका द्वारा इस पिण्ड वेदी क्षेत्र की सफाई एवं रख-रखाव हेतु एक प्रतिष्ठान को प्रतिवर्ष एक करोड रुपए का ठेका दिया गया है । इस संदर्भ में यह शुल्क वसूल किया जाएगा ; परंतु इस निर्णय का पुजारियों एवं उनके संगठन ने विरोध किया है । ‘इसके परिणाम होंगे’, ऐसी उन्होंने चेतावनी दी है ।

१. यहां का पंडा समाज एवं विष्णुपद प्रबंध कारिणी समिति ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि, ‘यदि नगर पालिका इस प्रकार से शुल्क जमा कर रही हैं, तो तीर्थयात्रियों के लिए यह पवित्र स्थान वसूली का अड्डा बन जाएगा । ऐसे शुल्क जमा करना, आय का स्रोत नहीं होना चाहिए । यह निर्णय तुरंत वापस लिया जाना चाहिए ।’

२. विष्णुपद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विठ्ठल ने कहा है कि, ‘इस प्रकार के निर्णय के कारण लोगों में निराशा का वातावरण है । इस निर्णय पर नगर पालिका एवं प्रशासन को पुनर्विचार करना चाहिए ।’

३. गया नगर पालिका ने कहा है कि, ‘पिंड वेदी में स्थित सीताकुंड एवं अक्षयवट मंदिरों की स्वच्छता एवं रखरखाव का ठेका दिया गया है । तदुपरांत यहां शुल्क वसूल करने का निर्णय लिया गया है ।’