वागरा (गुजरात) में धर्मांध मुसलमानों द्वारा हिन्दू दुकानदार पर आक्रमण
गुजरात में पिछले २५ वर्षों से भाजपा सरकार होते हुए हिन्दुओं पर ऐसे आक्रमण करने का धर्मांध मुसलमानों का साहस नहीं होना चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !
गुजरात में पिछले २५ वर्षों से भाजपा सरकार होते हुए हिन्दुओं पर ऐसे आक्रमण करने का धर्मांध मुसलमानों का साहस नहीं होना चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !
‘मदिरा नीति प्रकरण में बंदी बनाए जाने पर भी त्यागपत्र देने की अपेक्षा अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय हित से अधिक व्यक्तिगत हित को ही प्राथमिकता दी है ।’ ऐसे न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा
इस व्यवसाय की आपराधिक पृष्ठभूमि की गंभीर प्रकृति को ध्यान में रखते हुए गृह विभाग को भिखारियों के पीछे कार्यरत आपराधिक टोलियों को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ऐसी मांग लोगों द्वारा की जा रही है।
देश में अल्पसंख्यक होने वाले बलात्कार जैसे अपराधों में है बहुसंख्यक ! ऐसों को शरीयत कानून के अनुसार हाथ-पैर तोडकर कमर तक गहरे गड्ढे में गाडकर उन्हें पत्थर मारकर जान से मारने का दंड देने की किसी ने मांग की, तो आश्चर्य न लगे !
सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए धन सीधे स्थानीय स्वराज्य संस्थाओऺ जैसे जिला परिषदों और पंचायत समितियों द्वारा प्राप्त किया जाता है; किन्तु सरकार का ये लेखा परीक्षण विवरण इंगित करता है कि अधिकाधिक योजनाओं में भ्रष्टाचार है। इनमें से अनेक प्रकरणों में पुनर्निरीक्षण तथ्यों से घोटाले उजागर होने के उपरांत पैसे की वसूली भी हो चुकी है; किन्तु दोषियों पर कोई दंडनीय कार्रवाई नहीं की गयी।
न्यायालय ने कहा कि चिकित्सा ब्योरे में स्पष्टरूप से कहा है कि गर्भपात लडकी के लिए संकटजनक हो सकता है; परंतु बच्चे को जन्म देना उसके लिए अधिक संकटजनक है । यह दुर्लभ घटना है, ऐसा न्यायालय ने कहा है ।
न्यायालय को इस प्रकरण में राज्य के मुख्यमंत्री को दोषी मानकर कारागार में डालने का आदेश देना चाहिए और इस भर्ती पर हुआ व्यय उनसे वसूला जाना चाहिए !
विधायकों और सांसदों के विरुद्ध हत्या, बलात्कार, आक्रमण आदि के गंभीर प्रकृति के २ सहस्त्र ३३१ आपराधिक प्रकरण विशेष न्यायालयों में लंबित हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक १,१३७ प्रकरण हैं, जबकि महाराष्ट्र में लंबित प्रकरणों की संख्या ४१९ है ।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है तथा मृतकों के परिजनों को ३-३ लाख रुपए की अनुग्रह राशित घोषित की है ।
पाकिस्तान में हिन्दुओं द्वारा इस्लाम का अपमान करने की अफवाह फैलाकर उन्हें जान से मारने की अथवा दंड सुनाए जाने के अनेक उदाहरण हैं । नेपाल के मुसलमान भी यही कर रहे हैं, ऐसा लगे इसमें क्या गलत ?