“मैं आज भी सत्ता में नहीं हूं एवं न भविष्य में भी रहूंगा, मुझे मात्र सेवा करनी है !” – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री का वक्तव्य !

आवश्यकता होने पर पुनः कृषि कानून बनाए जाएंगे ! – राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र

प्रधानमंत्री मोदी का यह निर्णय साहस एवं शौर्य दिखाता है ; परंतु, भविष्य में आवश्यकता होने पर पुनः एक बार कृषि कानून बनाए जाएंगे”, ऐसा वक्तव्य राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया है ।

‘क्या प्रधानमंत्री मोदी अब स्वीकार करेंगे, कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर अनाधिकृत नियंत्रण कर लिया है ?’ – डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी का प्रश्न

डॉ. स्वामी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से यह प्रश्न किया । भारत एल.ए.सी. से पीछे हटा है, चीन नहीं, उन्होंने पहले भी ऐसा दावा किया था ।

केंद्र सरकार द्वारा ३ कृषि कानून निरस्त ! – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी ने आवाहन किया है कि, ‘आंदोलनकारी किसान अपने घरों को जाएं, खेतों में जाकर काम आरंभ करें, एक नया प्रारंभ करें ।

टीकाकरण में तेजी लाने के लिए स्थानीय धर्मगुरुऒं की सहायता लें ! – प्रधानमंत्री मोदी की जिलाधीशों से अपील

टीकाकरण के लिए ही नहीं, अपितु देश की हर समस्या और योजना के लिए, हिन्दू धर्मगुरुओं की सहायता लेने का यदि सरकार विचार करे, तो इससे अधिक लाभ होगा !

भारत में हुआ १०० करोड नागरिकों का वैक्सिनेशन !

अन्य देशों में अभी तक ५० करोड भी वैक्सिनेशन पूर्ण नहीं हुआ है । अमेरिका में ४१ करोड वैक्सिनेशन हुआ है । इसके बाद ब्राजील में २६ करोड वैक्सिनेशन हुआ है ।

हिन्दू राष्ट्र की मांग के लिए जल समाधि लेने की घोषणा करने वाले महंत परमहंस दास पीछे हटे !

वर्ष २०२३ में, भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ही, इसलिए, ऐसे अनशन की कोई आवश्यकता नहीं होगी ; परंतु, हिन्दू  राष्ट्र की स्थापना के लिए ऐसे संतों एवं महंतों को संपूर्ण देश में जागरूकता निर्माण कर, हिन्दुओं को संगठित करना चाहिए !

अयोध्या के दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपस्थित रहने की संभावना !

इस वर्ष, यह अयोध्या का ५वां दीपोत्सव होगा । इस दीपोत्सव में ७ सहस्र ५०० स्वयंसेवकों की सहायता से, ७ लाख ५० सहस्र दीप प्रज्वलित किए जानेवाले हैं ।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में किया जा रहा आंदोलन सहन नहीं करेंगे ! – नेपाल सरकार की नागरिकों को चेतावनी

‘नेपाल भारत से मित्रता के संबंध रखने की इच्छा होने से सरकार ऐसी घटनाओं को सहन नहीं करेगी’, ऐसा नेपाल की साम्यवादी सरकार ने कहा है ।