गांधी परिवार नेहरू का उपनाम लगाने से क्यों घबराता है ?

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रश्न !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई देहली – यदि किसी कार्यक्रम में नेहरूजी का नाम नहीं लिया, तो कुछ लोगों के रोंगटे खडे हो जाते थे; रक्त उष्ण (गरम) हो जाता था । उनकी पीढी के लोग नेहरू उपनाम लगाने से क्यों घबराते हैं, मुझे यह समझ में नहीं आता । नेहरू उपनाम रहने में क्या लज्जा है ? ऐसा महान व्यक्ति आपको तथा आपके परिवार को स्वीकार्य नहीं एवं आप हमारी गणना के लिए पूछते हैं ?, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में ऐसे शब्दों में कांग्रेस तथा गांधी परिवार की कटु आलोचना की । राष्ट्रपति के अर्थसंकल्पीय अधिवेशन में अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा बोल रहे थे । इस समय विरोधी पक्ष के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में अडचन उत्पन्न करने का प्रयास किया । उनकी ओर से पूरे भाषण के समय ‘मोदी-अदानी भाई भाई’ की घोषणाएं की गईं ।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने भाषण में प्रस्तुत सूत्र !

एक अकेला व्यक्ति सभी पर भारी पडा !

देश देख रहा है कि एक व्यक्ति डट कर सभी का सामना करते हुए खडा है । अरे घोषणाएं करने के लिए भी लोगों को बदलना पडता है । मैं अकेला एक घंटे से बोल रहा हूं तथा कहीं भी रुका नहीं हूं । उनमें (विपक्ष में ) साहस नहीं है, वे पलायन करने का मार्ग ढूंढ रहे हैं ।

भारत एक परिवार की संपत्ति नहीं है !

भारत सर्व सामान्य लाोगों के कष्ट से उभरा तथा पीढियों से चलती आई परंपराओं का देश है, कुछ लोगों को यह समझ कर लेना होगा । यह पारिवारिक संपत्ति नहीं है । ध्यानचंद के नाम से हमने खेलरत्न दिए हैं । हमने अंदमान टापू के नाम पर परमवीर चक्र विजेताओं के नाम रखे ।

निर्धनता हटाने के लिए कुछ भी नहीं किया !

सरकार में आने पर सभी देश के लिए कुछ तो करने का आश्वासन देकर आते हैं । एक समय ‘निर्धनता हटाओ’ ऐसा कहा जाता था । ४ दशक में कुछ भी नहीं हुआ है । विकास का वेग क्या है, विकास का हेतु क्या है, उसकी दिशा, प्रयास तथा परिणाम क्या हैं, यह महत्त्वपूर्ण है । जनता की आवश्यकताओं के लिए श्रम करने पडते हैं ।

वोट बैंक न रहने से उत्तर पूर्व भारत में बिजली नहीं पहुंचाई गई !

उत्तर पूर्व भारत में कांग्रेस का वोट बैंक नहीं था, इसलिए वहां विद्युतपूर्ति की ओर ध्यान नहीं दिया गया । हमने १८ सहस्र गांवों को विद्युतपूर्ति की । उनका विकास हुआ तथा देश की व्यवस्था पर विश्वास बढा । हमने यह विश्वास जीता है । स्वतंत्रता के इतने वर्षों के उपरांत दुर्गम गांवों को आशा की किरण दिखी, इसका हमें आनंद है ।

कांग्रेस ने राजनीति के लिए किसानों का उपयोग किया ।

छोटे किसानों की अनदेखी हुई, उनकी आवाज किसी ने नहीं सुनी । हमारी सरकार ने छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित किया । उन्हें बैंकिंग से जोडा तथा आज वर्ष में ३ बार उनके खाते में किसान सम्मान निधि जमा की जाती है ।

टीका (वैक्सीन) बनानेवाले शास्त्रज्ञों का अपमान करने का प्रयास किया !

कोरोना प्रतिबंधात्मक टीका (वैक्सीन) बनानेवाले शास्त्रज्ञों का अपमान करने के कितने प्रयास हुए । लेख लिखे गए । कहा गया, ‘ये लोग विज्ञान विरोधी हैं, वे तंत्रज्ञान विरोधी हैं’, ऐसी आलोचनाएं की गईं । हमारे शास्त्रज्ञों की अपकीर्ति करने का एक भी अवसर नहीं छोडा । उन्हें देश की चिंता नहीं है, उन्हें उनकी राजनीति की चिंता है ।

कांग्रेस ने ९० बार चुन कर आई राज्य सरकारों को गिराया !

विपक्ष में बैठे लोगों ने राज्यों के अधिकार छीन लिए हैं । सत्ता में कौन था, कौन सा पक्ष था, धारा ३५७ का उपयोग किसने किया ? ९० बार चुन कर आई सरकारों को गिराया । वे कौन हैं ? यह किसने किया ? इतना ही नहीं, अपितु एक प्रधानमंत्री ने धारा ३५६ का ५० बार उपयोग किया । वह हैं इंदिरा गांधी । केरल में जो आज उनके समर्थन में खडे हैं उन वामपंथियों के समर्थन में खडे हैं, उन वामपंथियों के लोगों की वहां सरकार थी, जो नेहरूजी को अच्छी नहीं प्रतीत हुई तथा उन्होंने उसे गिरा दिया । तमिलनाडू में एम.जी.आर., करुणानिधि समान महान लोगों (दिग्गजों) की सरकारें भी इन कांग्रेसवालों ने ही गिराई । वर्ष १९८० में शरद पवार के मुख्यमंत्री होने पर उनकी सरकार को भी गिराया गया । आज वे भी कांग्रेस के साथ हैं ।