लव जिहादी का समर्थन करनेवाले ‘सोनी टीवी’ को ऐसे पढाया पाठ !
इस प्रकार आप भी हिन्दू धर्म पर आघात करनेवालों को संवैधानिक पद्धति से पाठ पढाए बिना शांति से न बैठें!’ – श्री. नरेंद्र सुर्वे, प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति, देहली
इस प्रकार आप भी हिन्दू धर्म पर आघात करनेवालों को संवैधानिक पद्धति से पाठ पढाए बिना शांति से न बैठें!’ – श्री. नरेंद्र सुर्वे, प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति, देहली
अपनी लडकियों को छत्रपति शिवाजी महाराज तथा महाराणा प्रताप के जीवन, वैसे ही छत्रपति संभाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, रानी पद्मावती ने धर्म के लिए किया गौरवपूर्ण त्याग बताना होगा । हिन्दू युवतियों तक हमारे देश का गौरवशाली इतिहार पहुंचाना होगा, तो लव जिहाद का केवल विरोध ही नहीं, तो प्रतिकार भी होगा ।
हमारी पीढी को विशेषरूप से शहरी पीढी को धर्मशिक्षा नहीं दी गई, यह हमारा दुर्भाग्य है; परंतु यू-ट्यूब वाहिनी (चैनल) ‘संगम टॉक्स’ के माध्यम से हम युवकों के लिए हिन्दुत्व के विषय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं । हम इस माध्यम से युवकों को हिन्दू धर्मकार्य की ओर आकर्षित कर रहे हैं ।
गोवा की एक हिन्दू लडकी पुणे में नौकरी करती थी, उस समय एक धर्मांध युवक ने स्वयं को हिन्दू बताकर उसके साथ परिचय बढाया तथा उसके उपरांत उसके साथ विवाह किया । उसके उपरांत वह मुसलमान बनने के लिए उस पर दबाव डालने लगा ।
‘जय भीम जय मीम’ (डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के अनुयायी एवं मुसलमानों का गठबंधन) की घोषणाबाजी करनेवाले अब इस पर क्यों नहीं बोलते ?
छत्तीसगड के आदिवासी क्षेत्रों में बांगलादेश से आए मुसलमान हिन्दू आदिवासी युवतियों से विवाह कर घरजवाईं बन रहे हैं ।इसके द्वारा आदिवासियों की भूमि हडपने का षड्यंत्र है । इस प्रकार छत्तीसगड में एक पूर्ण गांव मुसलमानबहुल हो गया है । लव जिहाद का उपयोग कर इस पद्धति द्वारा भारत में ‘मिनी पाकिस्तान’ निर्माण हो रहा है ।
‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के दूसरे दिन (१७.६.२०२३ को) के द्वितीय सत्र में ‘मंदिरों का सुप्रबंधन’ विषय पर विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया, उसे संबोधित करते हुए सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ऐसा बोल रहे थे ।
इसे कहते हैं, ‘उल्टा चोर कोतवालको डांटे !’ पहले लव जिहाद करना और उसका विरोध होने पर इस प्रकार की धमकियां देना । ऐसी मानसिकतावाले लोगोंपर पुलिसकी कार्यवाही होनी अति आवश्यक है ।
क्या प्रशासन को हिन्दूऒॱ का संगठित होना सहन नहीं हो रहा है ? यदि हिन्दू समाज उत्पीडन के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए स्वयं को संगठित करता है, तो प्रशासन के पेट में वेदना क्यों होती है ?
हिन्दू लडकियों को धर्मशिक्षा देने पर निश्चित ही ऐसे प्रकरणों पर रोक लगेगी !