भगोडे आरोपी ललित झा ने किया आत्मसमर्पण !

सरकार को इन सभी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए तथा गहन अन्वेषण कर तथ्य जनता के समक्ष लाना चाहिए, कि इस षड्यंत्र का वास्तविक सूत्रधार कौन है ?

Parliament Security Breach: बंदी बनाए गए आरोपियों ने संसद की जानकारी एकत्रित की थी !

लोकसभा में एवं संसद क्षेत्र में घुसकर रंगीन धुआं छोडने के प्रकरण में असावधानी बरतने से संसद सचिवालय ने ८ सुरक्षा कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है । दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने आक्रमण को लेकर संसद में केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की है । 

Khalistani Terriorist Pannu : संसद प्रकरण में बंदियों को १० लाख रुपए की कानूनी सहायता करेगा !

खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की घोषणा !

२ लोगों ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा में छलांग लगाकर छोडा रंगीन धुआं !

भारत के अत्याधुनिक संसद की सुरक्षा की चरमराई स्थिति ! यदि रंगीन धुएं की अपेक्षा विषैला धुआं छोडा जाता, तो क्या स्थिति होती ? इसकी कल्पना कर सकते हैं !

सांसदों की नैतिकता पर प्रश्नचिह्न !

यदि प्रश्न पूछने के लिए भी पैसे लिए जाते हों, तो वैसा करनेवालों को नियम के अनुसार दण्ड मिलना ही चाहिए । यदि उन्हें दण्ड मिलेगा, तभी संसद, जिसे हम ‘लोकतंत्र का मंदिर’ कहते हैं, उसकी विश्वसनीयता अक्षुण्ण रहेगी ।

सभागार अथवा हंगामागार ?

अधिवेशन आरंभ होने के पूर्व ही ‘शासन को किन सूत्रों पर घेरना है ?’, यह वे पहले ही निश्चित कर लेते हैं तथा वे ऐसा करते भी हैं । इसलिए यह अधिवेशन ‘सरकार को दुविधा में डालने के लिए है अथवा जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए ?’, यह प्रश्न उठता है ।

(और इनकी सुनिए…) ‘मणिपुर में भारतमाता की हत्या की गई !’ – राहुल गांधी

राहुल गांधी का लोकसभा में विषवमन 
प्रधानमंत्री मोदीजी पर भी आरोप !

जनता के ‘डिजिटल डेटा’ का गलत प्रयोग करने वाली संस्थाओं को ५० से २५० करोड रुपए तक होगा दंड !

विधेयक के अनुसार जनता का व्यक्तिगत डिजिटल डेटा चोरी करने का अथवा उसका गलत प्रयोग करने का सिद्ध होने पर संबंधित संस्था को ५० से २५० करोड रुपए दंड भरना पडेगा ।

सदस्यों के बर्ताव में जब तक सुधार नहीं होता, तब तक लोकसभा का कामकाज देखने की मनाही !

ऐसे निर्णय से हडकंप मचानेवाले सदस्यों पर कोई भी परिणाम नहीं होगा । इसके स्थान पर लोकसभा अध्यक्ष ने अपने अधिकाऱ के अंतर्गत शोरगुल करनेवाले इन सदस्यों को ही संसद से बाहर निकालने, निलंबित करने आदि निर्णय लेना अपेक्षित है ।

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर ८ अगस्त से चर्चा

मणिपुर हिंसा पर संसद में १ अगस्त के दिन भी विरोधी पार्टियों द्वारा शोर-शराबा करने से राज्यसभा और लोकसभा का कामकाज दोपहर २ बजे तक स्थगित किया गया ।