पूर्वजों के कष्ट दूर होने हेतु पितृपक्ष में नामजप, प्रार्थना और श्राद्धविधि करें !

आजकल अनेक साधकों को अनिष्ट शक्तियों के कष्ट हो रहे हैं । पितृपक्ष के काल में (२१ सितंबर से ६ अक्टूबर २०२० की अवधि में) इन कष्टों में वृद्धि होने से इस कालावधि में प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ’ नामजप करें ।

साधनाके तीन प्रकार

‘इंद्रियां श्रेष्ठ कही जाती हैं । इंद्रियोंसे मन श्रेष्ठ है । मनसे बुद्धि श्रेष्ठ है । जो बुद्धिसे श्रेष्ठ है, वह आत्मा (ब्रह्म) है ।’

सनातन के रामनाथी (गोवा) स्थित आश्रम हेतु बिजली पर चलनेवाले दो पहिया वाहनों की आवश्यकता !

संस्था का कार्य अर्पणदाता, शुभचिंतक, विज्ञापनदाताओं द्वारा दिए गए अर्पण पर चलता है । वर्तमान में पेट्रोल के मूल्य में वृद्धि हुई है । इसलिए पेट्रोल पर चलनेवाले दो पहिया वाहन का उपयोग करना खर्चीला हो गया है ।

देहली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के धर्मप्रेमियों के लिए ‘ऑनलाइन शौर्यजागृति व्याख्यानों’ का आयोजन

वर्तमान गंभीर स्थिति को देखते हुए ‘हमें अब जागृत होकर कुछ तो करना चाहिए’, ऐसा लगने लगा है । हिन्दू जनजागृति समिति अत्यधिक उत्तम प्रयास कर रही है ।

हिन्दू धर्म के दुष्प्रचार का विरोध करना हम हिन्दुओं का कर्तव्य है । – पू. नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

असम राज्य सरकार द्वारा मंदिरों और पुजारियों के लिए अनुदान देने के निर्णय की प्रशंसा कर आजमगढ से जुडे श्री. अनिल गिरी ने बताया कि ‘यह निर्णय पूरे देश मे लागू होना चाहिए, इस मांग को लेकर सभी को कृतिशील होना चाहिए, मैं समिति के साथ हूं ।’

पैसों का लालच दिखाकर हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करनेवाले धर्मांतरित ईसाई को हिरासत में लिया !

वह करतालपुर में पैसों का लालच दिखाकर हिन्दुओं को धर्म परिवर्तन करने के लिए कह रहा था, साथ ही ५०० रुपए के बदले हिन्दुओं के देवताओं को गाली देने के लिए दलित महिला को बता रहा था ।

देश में भगवान श्रीराम के नाम पर ३ सहस्र ६२६, तो श्रीकृष्ण के नाम पर ३ सहस्र ३०९ गांवों के नाम !

देश के ६ लाख ७७ सहस्र से भी अधिक गांवों के नामों का अध्ययन किए जाने पर यह जानकारी सामने आई है ।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी निमित्त हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उत्तर भारत में आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष उपक्रमों को जिज्ञासुओं का उत्स्फूर्त प्रतिसाद

प्रतिदिन संपन्न हुए इस कार्यक्रम में दैनिक जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार किस प्रकार आचरण करें ?, भगवान श्रीकृष्ण की उपासना और पूजन का शास्त्र, भगवान श्रीकृष्ण पर किए जानेवाले आरोप और उनका खंडन इत्यादि विषयों पर शास्त्रीय जानकारी दी गई ।

संस्कृत की वैज्ञानिकता और समृद्धता की ओर पूर्ण विश्व आकर्षित हो रहा है ! – आनंद जाखोटिया, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

संस्कृत मृत भाषा है अथवा व्यावहारिक रूप से अनुपयोगी है’, ऐसा कहना अनुचित है । आज जर्मनी के १४ और ब्रिटेन के ४ विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढाई जा रही है, साथ ही १७ देशों में संस्कृत का अध्ययन किया जा रहा है ।

सनातन के दिव्य ग्रंथों के लिए अनुवादकों की आवश्यकता !

जो भी सनातन के दिव्य ग्रंथों का अनुवाद मराठी/हिन्दी/अंग्रेजी से गुजराती/कन्नड/मलयालम/तमिल/तेलुगु तथा मराठी से अंग्रेजी में करने के इच्छुक हैं, कृपया यहां संपर्क करें ।