देहली – कृष्णभक्तों के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक महत्त्वपूर्ण उत्सव है । इस निमित्त हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से उत्तर भारत में ‘ऑनलाइन सामूहिक नामजप और सत्संग’ का आयोजन किया गया । २७ अगस्त को ‘ऑनलाइन’ प्रणाली के माध्यम से आरंभ हुए इस उपक्रम की समाप्ति ३१ अगस्त को हुई । इस कार्यक्रम का लाभ उत्तर भारत के देहली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों के कृष्णभक्त एवं जिज्ञासुओं ने लिया ।
१. प्रतिदिन संपन्न हुए इस कार्यक्रम में दैनिक जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार किस प्रकार आचरण करें ?, भगवान श्रीकृष्ण की उपासना और पूजन का शास्त्र, भगवान श्रीकृष्ण पर किए जानेवाले आरोप और उनका खंडन इत्यादि विषयों पर शास्त्रीय जानकारी दी गई ।
इस कार्यक्रम में ‘व्याख्यान, पुस्तक, नाटक, चित्रपट, दूरदर्शन (टीवी) और उत्पादों के माध्यम से देवताओं का अपमान किया जाता है, यह रोकने के लिए इनका बहिष्कार करें’, ऐसा आवाहन भी किया गया ।
क्षणिका
इस सत्संग में सूत्रसंचालन करना, विषय प्रस्तुत करना, तकनीकी कार्य करना इत्यादि सेवाओं में उत्तर भारत के युवा साधकों का विशेष सहभाग था ।
अभिमत
रविशा गुप्ता, जबलपुर, मध्य प्रदेश – नामजप सत्संग के समय मैं भगवान श्रीकृष्ण से संवाद साधने का प्रयास कर रही थी । आंखें बंद कर नामजप करते हुए मुझे अनुभव हुआ कि कोई मेरे साथ उपस्थित है । घर में मेरे सिवाय अन्य कोई न होते हुए भी मुझे यह अनुभूति हुई ।
सिंगरौली (मध्य प्रदेश) के धर्मप्रेमियों के लिए ‘श्रीकृष्ण पूजन’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ प्रवचन !
सिंगरौली (मध्य प्रदेश) – हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा २७ अगस्त को स्थानीय धर्मप्रेमियों के लिए एक ‘ऑनलाइन’ प्रवचन लिया गया । इसमें समिति के श्री. श्रीराम काणे ने ‘श्रीकृष्ण का पूजन कैसे करें ?’ विषय पर मार्गदर्शन किया, साथ ही भगवान श्रीकृष्ण पर लगाए जानेवाले आरोपों का खंडन भी किया । यहां के धर्मप्रेमी श्री. शिवनाथ प्रसाद मिश्रा के अथक प्रयासों के कारण इस कार्यक्रम का आयोजन संभव हुआ ।
मध्य प्रदेश और राजस्थान के श्रीकृष्ण भक्तों के लिए ‘ऑनलाइन’ प्रवचन
जयपुर (राजस्थान) – सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के निमित्त मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के श्रीकृष्ण भक्तों के लिए २९ अगस्त को एक ‘ऑनलाइन’ प्रवचन आयोजित किया गया । इसमें समिति के श्री. श्रीराम काणे ने ‘भगवान श्रीकृष्ण का पूजन कैसे करें, प्रसाद कैसे अर्पण करें ? और भक्तिभाव में वृद्धि होने के लिए क्या करें ?’ आदि विषयों की जानकारी दी । इस कार्यक्रम के अंत में सामूहिक रूप से ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ नामजप किया गया । इस नामजप के उपरांत शांति अनुभव हुई, ऐसा अनेकों ने उत्सर्फूतता से बताया ।
अभिमत
भोपाल के ‘लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी’ के संचालक श्री. अमितबोध उपाध्याय ने कार्यक्रम के विषय में उनका अनुभव इन शब्दों में व्यक्त किया, ‘यह कार्यक्रम हृदयस्पर्शी था ।’