क्या कोई गांवों को ‘भगवान को रिटायर करें’, ऐसा कहनेवाले बुद्धिप्रमाणवादियों के नाम देते हैं ? – संपादक
नई देहली – वर्ष २०११ में की गई जनगणना के अनुसार देश में भगवान श्रीराम के नाम पर ३ सहस्र ६२६, तो भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर ३ सहस्र ३०९ गांव हैं । साथ ही श्री गणेश के नाम पर ४४६, तो गुरुनानकजी के नाम पर ३५ गांव है । देश के ६ लाख ७७ सहस्र से भी अधिक गांवों के नामों का अध्ययन किए जाने पर यह जानकारी सामने आई है ।
१. देश में काशी नाम के ४१ और प्रयागराज नाम से १७ गांव हैं ।
२. बांग्लादेश की राजधानी ‘ढाका’ के नाम से भारत में २८ गांव हैं, तो ‘नेपाल’ के नाम से ४० गांव हैं ।
३. देश के १८७ गांवों के नाम ‘भरत’ के नाम से हैं, तो १६९ गांव के नाम ‘लक्ष्मण’ के नाम पर हैं । ‘सीता’ के नाम से ७५ गांव हैं । ३६७ गांवों के नाम ‘हनुमान’ से हैं । रावण के नाम से भी ६ गांव हैं; परंतु रावण के भाई बिभीषण के नाम से एक भी गांव नहीं है ।
४. देश में कुरुक्षेत्र नाम से कोई गांव नहीं है । धर्मराज युधिष्ठिर के नाम से २ गांव हैं, भीम के नाम के ३८५, अर्जुन के नाम से २५९, धृतराष्ट्र के नाम से ८, कंस के नाम से ४२ गांव हैं और ओडिशा का केवल एक गांव भीष्म पितामह के नाम से है ।
५. मोहनदास गांधी के नाम से देश में ११७ गांव हैं, नेहरू के नाम से ७२ गांव हैं, पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादूर शास्त्री के नाम से वर्ष २०११ तक एक भी गांव का नाम नहीं था । इंदिरा गांधी के नाम से ३६, राजीव गांधी के नाम से १९ और सुभाषचंद्र बोस के नाम से २७ गांव हैं ।
६. मुघल बादशहा अकबर के नाम से २३४, बाबर के ६२, हुमायूं के ३०, शाहजहां के ५१ और औरंगजेब के नाम से ८ गांव हैं, साथ ही ये सभी गांव उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में हैं । (भाजपा के राज्य में इन नामों को तत्काल बदलकर मुघलों की गुलामी को मिटाना आवश्यक ! – संपादक) (३१.८.२०२१)