परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा साधकों को साधना के आरंभ में कुलदेवता की उपासना करने के लिए कहकर उनसे आदिशक्ति की उपासना करवा लेना !

‘सनातन संस्था के माध्यम से साधक जब साधना करने लगे, उस समय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने पहले साधकों को उनकी कुलदेवता की उपासना करने के लिए कहा और सभी साधकों से उनकी कुलदेवता का नामस्मरण करवा लिया ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के पाद्यपूजन समारोह के समय श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी को प्राप्त अनुभूतियां !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के चरणों पर ‘ॐ ऐं क्लीं श्रीं श्रीं श्रीं सच्चिदानन्द-परब्रह्मणे नमः ।’ मंत्रजप करते हुए पुष्पार्चना करते समय ‘प्रत्येक फूल में विद्यमान प्राण जागृत हुआ है’, ऐसा प्रतीत हो रहा था ।

हिन्दू धर्म की महानता !

‘कहां पृथ्वी पर राज्य करने का ध्येय रखनेवाले अन्य धर्म, और कहां प्रत्येक को ईश्वरप्राप्ति हो, यह ध्येय रखनेवाला हिन्दू धर्म !’

संतों का महत्त्व !

‘कहां पूर्णतः अपनी देख-रेख में रहनेवाले अपने एक या दो बच्चों पर भी सुसंस्कार करने में असक्षम आजकल के अभिभावक और कहां अपने सहस्रों भक्तों पर साधना का संस्कार करनेवाले संत एवं गुरु !’

धर्म कार्य करने का महत्त्व !

‘किसी जाति अथवा पंथ का कार्य करनेवालों का कार्य तात्कालिक होता है, परन्तु धर्म का मानवजाति के लिए किया जानेवाला कार्य स्थल एवं काल की सीमाओं के परे होता है ।’

भारत की शोकांतिका !

‘भ्रष्टाचार उजागर करनेवाले प्रशासकीय अधिकारी अथवा कर्मचारी दिखाओ और एक लाख रुपए पाओ’, ऐसी घोषणा करने पर भी क्या कभी किसी को वह पुरस्कार मिलेगा ?’

बुद्धिप्रमाणवादियों एवं विज्ञान निष्ठों का ज्ञान अति सीमित होने के कारण

‘बुद्धिप्रमाणवादियों एवं विज्ञान निष्ठों में यह अहंकार होता है कि ‘मुझे जो पता है, वही सत्य है’ और नया कुछ समझने की उनमें जिज्ञासा नहीं होती ।

वैश्विक जनसंख्या वृद्धि का परिणाम

‘किसी थाली में कीटाणुओं की वृद्धि सीमा से अधिक हो जाए, तो थाली में रखा भोजन कीटाणुओं के लिए पर्याप्त नहीं होता । इस कारण वे मर जाते हैं । ऐसी ही अब पृथ्वी की स्थिति हो गई है ।

साधकों के आधारस्तंभ तथा धर्मकार्य की तीव्र लगन रखनेवाले सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ का आनंददायी सद्गुरु सम्मान समारोह !

उत्तर भारत में प्रतिकूल परिस्थिति होते हुए भी अत्यंत लगन से धर्मप्रसार का कार्य करनेवाले, हिन्दुत्वनिष्ठों को प्रेमभाव से अपनानेवाले, विनम्र वृत्ति के हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळ के सदगुरुपद पर विराजमान होने की आनंदवार्ता २९.६.२०२२ एक भावसमारोह में घोषित की गई ।

शीघ्र ही होगी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना !

‘कलियुगांतर्गत कलियुग अब वृद्ध हो चुका है । शीघ्र ही वह समाप्त होगा और कलियुगांतर्गत सत्ययुग आएगा, अर्थात हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ।’