सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘कहां पूर्णतः अपनी देख-रेख में रहनेवाले अपने एक या दो बच्चों पर भी सुसंस्कार करने में असक्षम आजकल के अभिभावक और कहां अपने सहस्रों भक्तों पर साधना का संस्कार करनेवाले संत एवं गुरु !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले