सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘किसी जाति अथवा पंथ का कार्य करनेवालों का कार्य तात्कालिक होता है, परन्तु धर्म का मानवजाति के लिए किया जानेवाला कार्य स्थल एवं काल की सीमाओं के परे होता है ।’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले