पिछले एक वर्ष में सनातन की विभिन्न भाषाओं में ३४ नए ग्रंथों का प्रकाशन तथा २५४ ग्रंथ-लघुग्रंथों का पुनर्मुद्रण !

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए घोर आपातकाल आरंभ होने से पूर्व ही ‘ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार करना’ आज के समय की श्रेष्ठ साधना है !’, ये सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी के उद्गार हैं ।

सिखाने की अपेक्षा सीखने की वृत्ति रखने से अधिक लाभ होता है !

‘ईश्वर सर्वज्ञानी हैं । हमें उनके साथ एकरूप होना है । इसलिए हमारा निरंतर सीखने की स्थिति में रहना आवश्यक है । किसी भी क्षेत्र में ज्ञान अर्जित करना, यह कभी भी समाप्त न होनेवाली प्रक्रिया है । अध्यात्म तो अनंत का शास्त्र है ।

बुद्धिप्रमाणवादियों का दुर्भाग्य !

‘बुद्धिप्रमाणवादी अपनी अंधश्रद्धा के कारण श्राद्ध इत्‍यादि कुछ नहीं करते । इस कारण उनके पूर्वज उस योनि में सैकडों वर्ष फंसे रहते हैं ।’

हिन्दुओं के ज्योतिषशास्त्र की महिमा !

‘कहां आगे कुछ वर्षों में क्या होनेवाला है, इसका अनुमान बुद्धि का उपयोग कर लगानेवाले पश्चिमी; और कहां युगों-युगों के संदर्भ में बतानेवाला ज्योतिषशास्त्र !’

व्यक्तिगत स्वतंत्रता के समर्थकों की निम्नतम सीमा की अधोगति !

‘आगे व्यक्तिगत स्वतंत्रता के समर्थक मानने लगेंगे, ‘हमें बलात्कार, भ्रष्टाचार, हत्या इत्यादि सब करने का अधिकार है; परंतु वे कभी दूसरे की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उदा. बलात्कार पीडित की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का विचार नहीं करेंगे । इतना ही नहीं, वे धर्म पर भी अत्याचार बढाने लगेंगे !’

केवल हिन्दू धर्म में अनेक देवी-देवता क्यों हैं ?

पूर्व में विविध रोगों पर उपलब्ध औषधियों की संख्या सीमित थी । जैसे-जैसे विज्ञान ने प्रगति की, वैसे वैसे औषधियों की संख्या बढती गई । उसी प्रकार परिपूर्ण हिन्दू धर्म में अनेक देवी देवता हैं । ऐसा होते हुए भी हिन्दू धर्म में भी परमेश्वर अथवा ब्रह्म एक ही है । -सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले

हिन्दुओं कम से कम इसके लिए तो साधना करें !

‘यदि चीन ने भारत पर आक्रमण किया, तो नक्सलवादी और साम्यवादी चीन की सहायता करेंगे । यदि पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया, तो जिहादी पाकिस्तान की सहायता करेंगे; परंतु हिंदुओं की सहायता के लिए ईश्वर के अतिरिक्त और कौन हैं ? ईश्वर की सहायता पाने के लिए हिन्दुओ, साधना करें !’

नववर्षारंभ दिन निमित्त सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले इनका संदेश !

हिन्दुओ, परतंत्रता में धकेलनेवाले साम्राज्यवादियों को पराभूत कर भारत को अजेय राष्ट्र बनाने हेतु क्षात्रवृत्ति आवश्यक !

हिन्दू राष्ट्र में पूरा कामकाज आदर्श होगा !

‘भ्रष्टाचार रहित, सत्यनिष्ठ, उचित समय पर काम पूर्ण करनेवाला कोई भी सरकारी विभाग है क्या? हिन्दू राष्ट्र में पूरा कामकाज आदर्श होगा ।’