शारदीय नवरात्रि : धर्मशिक्षा
पूरे भारत में अत्यंत उत्साह एवं भक्तिमय वातावरण में नवरात्रि के व्रत का पालन किया जाता है । माता जगदंबा की कृपा पाने हेतु श्रद्धापूर्वक उपवासादि आराधना की जाती है ।
पूरे भारत में अत्यंत उत्साह एवं भक्तिमय वातावरण में नवरात्रि के व्रत का पालन किया जाता है । माता जगदंबा की कृपा पाने हेतु श्रद्धापूर्वक उपवासादि आराधना की जाती है ।
श्री गणेश चतुर्थी के समय हम शास्त्रानुसार श्रीगणेश जी की विधिविधान से पूजा करते हैं । जिसके परिणामस्वरूप श्री गणेशजी की मूर्ति में अधिकाधिक श्री गणेश तत्त्व तथा चैतन्य आकर्षित होता है । जब वह मूर्ति हम बहते जल में प्रवाहित करते हैं तब उसका चैतन्य बहते जल के द्वारा दूर दूर तक पहुंचता है ।
लाल रंग के गुडहल के पुष्प के रंगकणों एवं गंधकणों के कारण ब्रह्मांड से गणेशतत्त्व उसकी ओर आकर्षित होते हैं ।
गणपति को अर्पित की जानेवाली दूर्वा कोमल होनी चाहिए । दूर्वा की पत्तियां ३, ५, ७ अथवा २१ की विषम संख्या में हों ।
‘श्री गणेश चतुर्थी’ पर चंद्र को नहीं देखा जाता । इस दिन चंद्र का दर्शन करना वर्जित होता है । ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो चंद्र दर्शन करता है वह मिथ्या आरोप से कलंकित होता है ।
मूर्ति घर पर लाने के उपरांत उनकी स्थापना के लिए एक सुंदर चौकी लें । उस पर चावल (अक्षत) का छोटा सा पुंज बनाएं अथवा थोडे से चावल रखें । उसके उपरांत उनपर मूर्ति की स्थापना करें ।
श्री गणेश चतुर्थी अर्थात भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी का अवतरण दिन माना जाता है । इस दिन पूरे देश में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है । श्री गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती है ।
श्री गणेश चतुर्थी पर तथा गणेशोत्सव काल में नित्य की तुलना में पृथ्वी पर गणेशतत्त्व १,००० गुना कार्यरत रहता है । इस अवधि में श्री गणेश का नामजप, प्रार्थना एवं अन्य उपासना करने से गणेशतत्त्व का लाभ अधिकाधिक मिलता है ।
जिन ऋषियों ने अपने तपोबल से विश्व-मानव पर अनंत उपकार किए हैं, मनुष्य के जीवन को उचित दिशा दी है, उन ऋषियों का इस दिन स्मरण किया जाता है ।
हमारे उपास्यदेवता की विशेषता तथा उनकी उपासना से संबंधित अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी ज्ञात होने पर देवता के प्रति श्रद्धा निर्माण होती है । यह उद्देश्य ध्यान में रखकर इस लेख में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के निमित्त श्रीकृष्ण भगवान की कुछ विशेषताएं तथा उनकी उपासना से संबंधित उपयुक्त अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी जा रही है ।