मंदिर का ध्वज फेंक कर इस्लामी ध्वज फहराने वाले धर्मांध सरपंच को बंदी बनाया गया
ऐसे धर्मांध सरपंच गांव का कामकाज कैसे चलाते होंगे, इसका विचार न करना ही योग्य है !
ऐसे धर्मांध सरपंच गांव का कामकाज कैसे चलाते होंगे, इसका विचार न करना ही योग्य है !
यहां के हनुमान गढी मंदिर के महंत राजू दास ने दावा किया है कि कुख्यात गुंडा अतिक अहमद धर्मांतरण का कार्य करता था । अबतक उसने १२ हिन्दुओं का धर्मांतरण किया था |
पुलिस का कहना है कि उनके द्वारा रोका जानेपर भी २२ अप्रैल को जाजमऊ, बाबूपुरवा एवं बेनाबझार ईदगाह के सामने (नमाज पठन का स्थान) मार्गपर ही नमाज पठन किया गया ।
धमकी की तीनों घटनाओं में धर्मांध मुसलमानों का ही सहभाग
राज्य में लव जिहाद का कानून होकर भी कट्टर मुसलमान हिन्दू लडकियों का शोषण करने का दुःसाहस करते हैं, यह क्षोभजनक है ! ऐसे लोगों पर नियंत्रण रखने हेतु कानून का प्रभावी प्रयोग कर उन्हें कठोर दंड देना आवश्यक है !
ध्यान रखें कि, कांग्रेस, कम्युनिस्ट, तृणमूल कांग्रेस जैसे ढोंगी निधर्मीवादी दलों के मुख्यमंत्रियों को ऐसी धमकियां कभी नहीं मिलती !
किसी महिला की हत्या कर मृतदेह अन्यत्र फेंक दिया गया होगा, ऐसा संदेह
ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के निकट मुसलमान पक्ष द्वारा वजू के लिए की मांग का उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में विरोध किया है ।
यदि उत्तर प्रदेश में यह संभव है, तो पूरे देश में क्यों नहीं ? ऐसा करने में अन्य राज्यों को क्या अडचनें हैं ? अथवा सर्वत्र योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री होने पर ही यह साध्य हो सकता है ?
ऐसे भूमाफियाओं को फांसी का दंड मिलना आवश्यक !