‘सेटो टॉयलेट्स एशिया’ कंपनी ने श्री दुर्गादेवी का अपमान करने का विज्ञापन हटाया !
हिन्दू जनजागृति समिति और धर्माभिमानी हिन्दुओं के संगठित होकर विरोध करने का परिणाम
हिन्दू जनजागृति समिति और धर्माभिमानी हिन्दुओं के संगठित होकर विरोध करने का परिणाम
गांधी हत्याकांड में स्वातंत्र्यवीर सावरकर को निर्दोष मुक्त कर देने के पश्चात भी जो लोग उन्हें निरंतर आरोपी ठहराकर उन्हें अपकीर्त करते हैं, उन पर अब प्रकरण प्रविष्ट कर कारावास में डालना चाहिए ।
ईसाई धर्मप्रचारक हिन्दुत्वनिष्ठ दल होने वाले एवं राज्य में सत्ता में होने वाले भाजपा के ही विधायक की मां का धर्मांतरण करने का साहस करते हैं, इससे स्पष्ट है कि उन्हें किसी भी बात का भय नहीं है !
जब मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है, तब इस प्रकार हिन्दुओंको मारपीट करने का साहस धर्मांध करते ही कैसे है ? ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में उठता है !
पूर्वोत्तर भारत का ईसाईकरण करने के पश्चात, अब पश्चिम भारत को ईसाई बहुल बनाने के ईसाई मिशनरियों के इस प्रयास को विफल करने का राज्य के कांग्रेस सरकार एवं केंद्र के भाजपा सरकार को प्रयास करना चाहिए !
हिन्दू एवं उनके सर्वदलीय शासक निष्क्रिय एवं धर्माभिमान हीन होने के कारण प्रतिष्ठानों द्वारा हिन्दुओं के धार्मिक त्योहारों के समय ऐसे कृत्य कर उनका अपमान किया जाता है, यह हिन्दुओंको लज्जाजनक है !
वे ज्येष्ठ पत्रकार उदय माहूरकर और चिरायु पंडित के ‘वीर सावरकर : द मैन हू कुड हैव प्रीवेंटेड पार्टिशन’ (वीर सावरकर : ऐसा व्यक्ति जो भारत का विभाजन रोक सकता था) इस पुस्तक के प्रकाशन समारोह में बोल रहे थे । संघ प्रमुख मोहन भागवत भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे ।
हिन्दुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में मूर्ति पूजा को नकारने वालों को उपस्थित रहने का क्या अधिकार ? यदि उनको हिन्दुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागी होना है, तो केवल पुरूष ही क्यों ? मुसलमान युवतियां क्यों नहीं उपस्थित रहतीं ? ऐसे प्रश्न हिन्दुओं के मन में आते हैं !
राजस्थान में काँग्रेस का राज्य है और काँग्रेस की अध्यक्ष एक महिला है, प्रियंका वाड्रा मुख्य सचिव हैं । उन्हे यह विधान स्वीकार है क्या ? ‘इन दोनों के कारण काँग्रेस के पुरूषों को सिर दर्द हुआ है क्या ?’, ऐसा किसी के पूछने पर आश्चर्य ना लगे !