ब्रिटेन ने जांच शुरू कर दी है !
लंदन (ब्रिटेन) – ब्रिटेन के प्रसिद्ध ‘ इस्लाम चैनल ‘ नामक टेलीविजन चैनल पर हिंसक इस्लामी आंदोलनों की प्रशंसा करने, पश्चिमी देशों के विरुद्ध घृणा भड़काने तथा जिहादी मुद्दों को सहानुभूतिपूर्वक प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया है। इसके कारण इस मामले की जांच करने वाली संस्था ब्रिटेन की ऑफकॉम ने जांच शुरू कर दी है। दावा किया जाता है कि इस चैनल को हर दिन २० लाख लोग देखते हैं ।
७ अक्टूबर २०२३ को ‘इस्लाम चैनल’ ने इजरायल पर हमास के हमले की प्रशंसा की। उन्होंने इजरायल की तुलना नाज़ियों से भी की। इससे यह आरोप लगा कि चैनल ने आतंकवादियों का समर्थन किया, रिपोर्टिंग में निष्पक्षता का अभाव था तथा महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में दर्शकों को गुमराह किया।
१. ऑक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर ब्रिटिश इस्लाम के निदेशक डॉ. ताज हरगाई ने इस संबंध में ऑफकॉम से शिकायत की। डॉ. हरगाई को ब्रिटिश इस्लाम में एक उदार विचारक माना जाता है। उन्होंने कहा कि नवंबर २०२४ से जनवरी २०२५ तक ‘इस्लाम चैनल’ ने लगातार प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया।
२. डॉ. हरगई ने आरोप लगाया कि चैनल ‘इस्लाम को पश्चिम से खतरे के रूप में चित्रित करता है’ और हमास, ईरान और ‘इस्लामिक जिहादी समूहों को पश्चिमी धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रों के विरुद्ध वैध प्रतिरोध आंदोलन के रूप में चित्रित करता है।’ यह गाजा समाचार में एकतरफा रुख अपनाता है और इजरायल समर्थक वक्ताओं को जगह नहीं देता।
३. डॉ. हरगई ने आगे कहा कि इस्लाम चैनल ‘वहाबी’ और ‘सलाफी’ इस्लाम का प्रचार करता है तथा शिया, सूफी, अहमदिया और धर्मनिरपेक्ष मुसलमानों की उपेक्षा करता है। ‘इस्लाम चैनल’ ब्रिटेन में खतरनाक इस्लामी कट्टरवाद का प्रतीक है। यह चैनल ‘ब्रिटिश मुसलमानों’ का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है; लेकिन चैनल का संकीर्ण दृष्टिकोण मुस्लिम उग्रवाद और कट्टरता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। यह ‘हम और वे’ मानसिकता को बढ़ावा देता है, जो सामाजिक एकता को कमजोर करता है। उन्होंने मांग की है कि ऑफकॉम इस चैनल की भड़काऊ भाषा और ब्रिटिश मूल्यों में विश्वास न रखने वालों के प्रति पूर्वाग्रह के विरुद्ध कार्यवाही करे।
संपादकीय भूमिकाब्रिटेन में मुस्लिम जनसंख्या बढ रही है। यह उसकी एक झलक है। अगर आने वाले वर्षों में ब्रिटेन में भी कश्मीर जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाए तो आश्चर्यचकित मत होइए ! यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि शायद ऐसा होने के बाद ही पश्चिमी देश हिन्दुओं की पीड़ा को समझेंगे ! |