CAA Pakistan Reaction : (और इनकी सुनिए…) ‘सीएए कानून श्रद्धा के आधार पर लोगों में भेदभाव उत्पन्न करता है !’ – पाकिस्तान
भारत ने पाकिस्तान को कठोरता से बताना चाहिए कि भारत के अंतर्गत प्रश्न में हस्तक्षेप करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है !
भारत ने पाकिस्तान को कठोरता से बताना चाहिए कि भारत के अंतर्गत प्रश्न में हस्तक्षेप करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है !
भारत को यह क्यों कहना पडता है ? क्या अंतर्राष्ट्रीय वित्तकोष की समझ में नहीं आता ?
जो देश आर्थिक दिवालिया है, ऐसे देश की जनता ने दिए वक्तव्यों की ओर कौन ध्यान देगा ? अन्य देशों के पास भीख मांगनेवाले पाकिस्तान की जनता को पहले अपने पैरों पर खडा होना चाहिए और तत्पश्चात भारत को आंख दिखानी चाहिए !
यह स्थिति संसार के सामने लाकर भारत को सीधे सैनिकी कार्यवाही करनी चाहिए और पाकव्याप्त कश्मीर को केवल मानचित्र में ही नहीं , अपितु प्रत्यक्ष में भी भारत का अविभाज्य अंग बनाना चाहिए !
नवाज शरीफ की ‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग – नवाज’ (पी.एम.एल.एन.) एवं बिलावल भुट्टो जरदारी की ‘पाकिस्तान पीपल्स पार्टी’ (पीपीपी) इन पार्टियों का गठबंधन लगभग निश्चित माना जा रहा है ।
वैचारिक सुन्नतवाले कांग्रेसी नेता मणीशंकर अय्यर भारत के नहीं, अपितु पाकिस्तान के नागरिक हैं, ऐसा ही इससे कहना होगा ! भारत को ऐसे लोगों को फिर से देश में लेने की अपेक्षा पाकिस्तान में ही रहने को बताना चाहिए !
राजनीतिक दलों में मध्यस्थता करने में सेना ने ली प्रधानता !
पाकिस्तान में संपन्न चुनाव में भले ही किसी भी एक राजनीतिक दल को बहुमत न मिला हो; परंतु इमरान खान के समर्थक निर्दलीय प्रत्याशी १०० से अधिक चुनावक्षेत्रों में बढत बनाए हुए हैं
पाकिस्तान बलुचिस्तान में पीछले ७६ वर्षाें से बलुची लोगों पर सेना द्वारा जो अनाचार कर रहा है, यह पूरा विश्व देख रहा है । पाकिस्तान को इसकी ओर ध्यान देना चाहिए !
किसी चोर द्वारा एक पुलिसकर्मी को ‘चोर’ संबोधित करना, जितना हास्यास्पद है, उससे भी अनेक गुना हास्यास्पद है, जिहादी आतंकवाद के निर्माता पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को नष्ट करने के लिए सदा तैयार भारत पर आरोप लगाना !