Jammu Kashmir Encounter : जम्मू-कश्मीर में २४ घंटे में २ जवान शहीद
कश्मीर में सैनिकों के बलिदान को रोकने के लिए पाकिस्तान को नष्ट करने का निर्णय केंद्र सरकार कब लेगी ?
कश्मीर में सैनिकों के बलिदान को रोकने के लिए पाकिस्तान को नष्ट करने का निर्णय केंद्र सरकार कब लेगी ?
ऐसे लोगों को केवल निलंबित कर काम नहीं होगा, अपितु उन पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें कारागृह में डालकर उन्हें कठोर दंड होने के लिए प्रयास करने चाहिएं !
पिछले ३५ वर्षों से जो किसी भी पुलिस अधिकारी ने बोलने का साहस नहीं किया, वह बात आर.आर. स्वेन ने की है। अब ऐसे राजनीतिज्ञों पर पुलिस को कठोर कार्यवाही करना आवश्यक है !
कश्मीर में अंतहीन जिहादी आतंकवाद! कश्मीर में इस आतंकवाद के पीछे कौन है, यह जानते हुए भी भारतीय शासन में इसे समूल नष्ट करने की इच्छाशक्ति नहीं है, यह बात बार-बार ऐसी घटनाओं से सामने आ रही है। यह भारत के लिए लज्जासपाद है!
अब जम्मू-कश्मीर में भी राज्य सरकार उपराज्यपाल की अनुमति के बिना पुलिस अधिकारियों और अफसरों का स्थानांतर या नियुक्ति नहीं कर सकेगी ।
इस वास्तविकता को समाज के सामने रखना आवश्यक है क्योंकि जिहादी आतंकवादियों ने कश्मीर में हिन्दुओं सहित हजारों हिन्दुओं के मंदिरों पर आक्रमण किया और हिन्दुओं को अपनी ही भूमि से विस्थापित होना पड़ा, इसके कारण ये मंदिर उपेक्षित रह गए !
जिहादी आतंकवाद को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए उसे सहायता करने वाले स्थानीय लोगों को मृत्युदंड की शिक्षा देना आवश्यक है !
भट्ट पर अपने प्रतिद्वंद्वी अधिवक्ता बाबर कादरी की लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा हत्या कराने का आरोप है।
अमरनाथ यात्रा २९ जून से आरंभ हो रही है। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कल २८ जून को कश्मीर पहुंचेगा। यहां से तीर्थयात्री बालटाल तथा अनंतनाग पर पहुंचने के लिए प्रस्थान करेंगे। वहां से सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षा समूह द्वारा ले जाया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर अभी भी आतंकवाद से ही ग्रसित है, यह स्थिति अब तक के सर्वदलीय सरकारों के लिए लज्जाप्रद ! यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र को अनिवार्य बनाती है !