जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का प्रशासन को आदेश !
श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने प्रशासन को कश्मीरी हिन्दुओं के उपेक्षित मंदिरों तथा धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करने का आदेश दिया । इस पर एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए, न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने कश्मीरी हिन्दू समुदाय के एक सदस्य की याचिका को स्वीकार कर लिया तथा उत्तरी कश्मीर में गांदरबल जिले के जिला मजिस्ट्रेट को हिन्दुओं के २ मंदिरों को संरक्षित करना, उनकी रक्षा और देखभाल करने का निर्देश दिया । इनमें गांदरबल जिले के नुनेर गांव में स्थित ‘अष्टापन देवराज भारवा’ और ‘विधुशे’ मंदिर सम्मिलित हैं । उच्च न्यायालय ने सरकार को ‘जम्मू-कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति (संरक्षित करना, रक्षण, तथा आपातकालीन बिक्री निषेध) अधिनियम, 1997’ के अंतर्गत आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
Protect the neglected temples of Kashmiri Hindus in Ganderbal (Kashmir)! – Jammu and Kashmir HC to the administration !
Why does the court have to say this? How do government agencies not realize this?
It is also necessary to present before society the reality that in Kashmir,… pic.twitter.com/svtIWtNkSV
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 12, 2024
मुसलमानों ने पट्टे पर लिये गये मन्दिरों को नष्ट कर दिया !
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि मुस्लिम भू-माफिया ने गांदरबल जिले में स्थानीय हिन्दू समुदाय के लिए एकमात्र शमशान भूमि पर अपना नियंत्रण कर लिया है । याचिकाकर्ता ने कहा था कि साल १९९० में गांदरबल जिले समेत पूरी कश्मीर घाटी से कश्मीरी हिन्दुओं का पलायन हुआ था । उस समय यहां के मन्दिर हिन्दुओं ने मुसलमानों को पट्टे पर दे दिये थे; लेकिन मुसलमानों ने मंदिर की संपत्ति को नष्ट कर दिया और मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया,’ ऐसा याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया। (इससे मुसलमानों की मानसिकता स्पष्ट होती है! – संपादक)
कोर्ट का ८ सप्ताह में अतिक्रमण हटाने का आदेश !उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि जिला मजिस्ट्रेट को इस आदेश की प्रति मिलने के ८ सप्ताह के भीतर श्मशान सहित मंदिर की संपत्ति पर अतिक्रमण हटाने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए । (साथ ही, हिन्दुओं को अपेक्षा है कि अतिक्रमणकारियों का घोषित किया जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी ! – संपादक) निर्णय ने कश्मीर में भू-माफियाओं द्वारा अतिक्रमण किए गए कई हिन्दू धार्मिक स्थलों की संपत्तियों की रक्षा की आशा जगाई है । |
संपादकीय भूमिका
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