बांगलादेश में रोहिंगिया निर्वासितों की छावनी पर हुई गोलीबार में ७ लोगों की मृत्यु
इस आक्रमण के पीछे का कारण २ रोहिंग्या समूहों के बीच का संघर्ष बताया जा रहा है । अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए छावनी में छापे मारे जा रहे हैं ।
इस आक्रमण के पीछे का कारण २ रोहिंग्या समूहों के बीच का संघर्ष बताया जा रहा है । अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए छावनी में छापे मारे जा रहे हैं ।
यह स्थिति आने से पहले भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें, जिससे विश्वभर के हिन्दुओं की रक्षा की जा सकती है !
पिछले ४ दशकों में इस ओर ध्यान ना देने वाले भारत की सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं के लिए यह लज्जास्पद ! अब तो सरकार बांगलादेश के हिन्दुओं के लिए कुछ करेगी क्या ? ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में निर्माण होता है !
‘हिन्दुओं पर कुरान का अपमान करने का बताकर आक्रमण करने वाले धर्मांध अब दुर्गापूजा के मंडप में कुरान रखने वाले उसके धर्मबंधुओं पर आक्रमण करेंगे क्या ?’, ऐसा प्रश्न किसी ने पूछा, तो वो गलत नहीं होगा !
इससे हसीना के हिन्दुद्वेषी चेहरे का पता चलता है । उनके शासन में हिन्दुओं की रक्षा होना असंभव ही है । इसे देखते हुए अब भारत को पहल कर कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है !
२८ वर्ष पूर्व बांगलादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने उसपर प्रतिबंध लगाया । यदि अभी की प्रधानमंत्री शेख हसीना धार्मिक हिंसा के विरोध में है, तो उन्होंने पुस्तक पर लगा प्रतिबंध क्यों नहीं हटाया, ऐसा प्रश्न इस कादंबरी की लेखिका तस्लिमा नसरीन ने ट्वीट कर पूछा है ।
ट्विटर की यह दादागीरी नई नहीं है । इसके पहले भी ट्विटर ने हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों और नेताओं के एकाउंट बंद किए थे । ट्विटर की यह दादागीरी नष्ट करने के लिए हिन्दुओं द्वारा समांतर माध्यम निर्माण करने की आवश्यकता हुई है, यही इससे ध्यान में आता है !
हिन्दू जनजागृति समिति सहित ३७ हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का सहभाग !
१३७ स्थानों पर सरकार को निवेदन !
बांग्लादेश के कोमिला, चांदपुर, नोआखली, चटगांव, कॉक्स बाजार, फेनी, चपई, नवाबगंज एवं रंगपुर में सर्वाधिक आक्रमण हुए ।
प्रधानमंत्री शेख हसीना को अभियुक्तों को कड़ा से कड़ा दंड दिलाने के लिए तत्काल प्रयास करना चाहिए, तभी इस कार्रवाई का कुछ अर्थ निकलेगा, साथ ही हिन्दुओं को जो हानि हुई है, उन्हें उसकी नुकसान भरपाई दी जाए !