साधना कर संतपद प्राप्त करनेवाले कतरास, झारखंड के सफल उद्योगपति एवं सनातन संस्था के ७३ वें (समष्टि) संत पू. प्रदीप खेमकाजी (आयु ६४ वर्ष) !

पू. प्रदीप खेमकाजी एक उद्योगपति हैं । उन्होंने साधना में संतपद प्राप्त किया है तथा उन्होंने अपने व्यवसाय में भी बहुत अच्छी प्रगति की है । उन्होंने ये दोनों बातें कैसे साध्य की, इस संबंध में उन्हीं के शब्दों में सुनेंगे ।

अध्यात्ममें प्रगतिके लिये साहाय्यक क्षमता

अध्यात्ममें ध्येयप्राप्तिके लिये अलग अलग मार्ग हैं । प्रगति होनेके लिये प्रत्येक मार्गमें अलग अलग क्षमता काममें आती है । उन क्षमताओंको संक्षेपमें आगे दिया है । स्वयंमें कौनसी क्षमता अधिक है, यह पहचानकर स्वयंको अनुकूल साधना करनेपर आध्यात्मिक प्रगति शीघ्र होनेकी संभावना बढेगी ।

प्रीति, परिपूर्ण सेवा करना आदि विविध गुणों का समुच्चय कर्णावती (गुजरात) के श्री. श्रीपाद हर्षे (वय ८९ वर्ष) संतपदी विराजमान !

ईश्वर के सतत अनुसंधान में रहनेवाले बडोदरा के सनातन के साधक श्री. श्रीपाद हर्षे (वय ८९ वर्ष) सनातन के १२७ वें संतपद पर विराजमान हुए ।

कोटि-कोटि प्रणाम !

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उनके चरणों में कृतज्ञतापूर्वक नमस्कार !

शब्द रहित एवं शब्द सहित संवाद से ‘श्री गुरु का मनोगत’ जान लेनेवालीं तथा ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी को अपेक्षित कृति करनेवालीं श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी !

‘सप्तर्षियों ने जीवनाडीपट्टिका में बताया, ‘जब श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी परात्पर गुरु डॉक्टरजी से साधकों की साधना के विषय में बात करती हैं, उस समय गुरुदेवजी कभी-कभी हाथ हिलाकर अथवा मुख पर निहित भाव से उन्हें उत्तर देते हैं ।’

‘श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी ईश्वर स्वरूप तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी परमेश्वर स्वरूप हैं’, इसकी साधिका को हुई प्रतीति !

मुझे सदैव ही अपना नाम ‘परमेश्वर की आरती’, ऐसा लिखने की आदत है । मुझे मन से भी ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी परमेश्वर हैं तथा मैं उस परमेश्वर की हूं’, ऐसा ही लगता रहता है

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी की आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण !

‘श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी हैं । उन्होंने गुरुकृपायोग अनुसार साधना कर अल्प काल में शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति साध्य की । उनकी जन्मकुंडली में विद्यमान आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण आगे दिया गया है ।

गुरुरूप में साक्षात श्रीविष्णु प्राप्त होने के कारण समर्पित होकर साधना के प्रयास करें !

साधना के विषय में श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी की अनमोल वैचारिक संपदा !

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ही सबकुछ करवा लेते हैं’, इस अटूट श्रद्धा से युक्त श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी !

‘श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी को गुरुकार्य तथा ‘साधकों की आध्यात्मिक उन्नति हो’, इसकी अखंड उत्कंठा रहती है । उनका साधकों को लगन से मार्गदर्शन कर तैयार करना तथा साधकों को साधना में स्थिर करना निरंतर चलता रहता है ।