प्रीति, परिपूर्ण सेवा करना आदि विविध गुणों का समुच्चय कर्णावती (गुजरात) के श्री. श्रीपाद हर्षे (वय ८९ वर्ष) संतपदी विराजमान !

पू. हर्षेदादाजी

वडोदरा (बडौदा, गुजरात), १२ अक्टूबर (वार्ता.) – परिपूर्ण सेवा करना, प्रीति आदि विविध गुणों से विभूषित, इसके साथ ही ईश्वर के सतत अनुसंधान में रहनेवाले बडोदरा के सनातन के साधक श्री. श्रीपाद हर्षे (वय ८९ वर्ष) सनातन के १२७ वें संतपद पर विराजमान हुए । ११ अक्टूबर को बडोदरा की सनातन की साधिका श्रीमती अंशू संत के निवासस्थान पर चैतन्यमय वातावरण में पू. हर्षेदादाजी एवं श्रीमती शीला हर्षेदादीजी से अनौपचारिक संवाद साधते हुए सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु अनुराधा वाडेकरजी ने पू. हर्षेआजोबा के संतपद का रहस्य उजागर किया । सद्गुरु अनुराधा वाडेकरजी ने उनका सम्मान किया । इस अवसर पर सनातन की संत पू. (श्रीमती) संगीता जाधव की वंदनीय उपस्थिति थी । इस अवसर पर पू. हर्षेदादाजी के कुटुंबीय उपस्थित थे । यह आनंदवार्ता सुनने पर उपस्थित कुटुंबियों को बहुत आनंद हुआ ।

विस्तृत समाचार शीघ्र ही प्रकाशित कर रहे हैं ।