हिन्दू सेना ने अजमेर दरगाह पहले मंदिर थी, इस संबंध में न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है ।
नई देहली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उरूसा (मुस्लिम धार्मिक जुलूस) के अवसर पर अजमेर (राजस्थान) में मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह पर चादर चढाई गई । हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा अजमेर के एक न्यायालय में अस्थायी प्रतिबंध की मांग वाली याचिका प्रविष्ट की गई है ।
📰 @VishnuGupta_HS files Court Petition to Ban PM Modi’s Chadar Offering at Ajmer Dargah
Gupta had earlier filed petition asserting Ajmer Dargah was a temple and contends that the act would obstruct the judicial process🛕⚖️
अजमेर दरगाह #ReclaimTemplespic.twitter.com/vmzQT1laok
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 4, 2025
याचिका में कहा गया है कि इस दरगाह का निर्माण एक प्राचीन शिव मंदिर को तोड़कर किया गया है । प्रधानमंत्री की ओर से दरगाह में चादर चढ़ाने से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है । न्यायालय में प्रकरण लंबित रहते हुए पत्रावली पेश करना न्यायालय की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन होगा । दरगाह की रचना तथा वहां पाई गई कुछ विशेषताएं यह प्रमाणित करती हैं कि यह स्थान मूल रप से एक हिन्दू मंदिर था । मुख्य प्रवेश द्वार की छत और छत्र का रचना हिन्दू वास्तुकला का संकेतक है । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को इस स्थल की जांच करनी चाहिए और वहां भगवान श्री संकटमोचन महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार करना चाहिए । दरगाह के भूमिगत मार्ग में एक शिवलिंग है, जिसकी पूजा करना हिन्दुओं का संवैधानिक अधिकार है । यह अधिकार फिलहाल क्षमा किया जा रहा है ।
पिछले महीने न्यायालय ने इसी प्रकरण में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किया था ।
प्रधानमंत्री की ओर से दरगाह में चादर चढाई गई२ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू को चादर सौंपी थी । इसे उरूसा के अवसर पर दरगाह में चढ़ाया जाना था । रिजिजू ४ जनवरी की सुबह अजमेर आए और दरगाह में वह चादर चढाई । यहां उन्होंने देश में शांति और भाईचारे के लिए प्रार्थना की । |
प्रधानमंत्री द्वारा दरगाह पर चादर चढाना; यह देश की ओर से चादर चढाने जैसा है ! -किरेन रिजिजूइससे पहले जयपुर एयरपोर्ट पर रिजिजू ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से चादर चढाने की बात कही; इसका अर्थ है पूरे देश की ओर से चादर चढाना देश में अच्छे वातावरण की आवश्यकता है ।
अजमेर स्थित दरगाह पर लाखों लोग आते हैं । उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । इसलिए ‘गरीब नवाज’ ऐप और वेबसाइट लॉन्च की जा रही है । (हिन्दू जागृत मंदिरों के संबंध में सरकार ने अब तक ऐसा प्रयास क्यों नहीं किया ? जब मंदिरों का राष्ट्रीयकरण हो चुका है तो इस दरगाह का राष्ट्रीयकरण क्यों नहीं किया जा रहा है ? ये प्रश्न हिन्दुओं के मन में उठते हैं ! – संपादक) |