संभल (उत्तर प्रदेश) की जामा मस्जिद पहले हिन्दू मंदिर थी !
संभल (उत्तर प्रदेश) – यहां की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दीवानी न्यायालय के न्यायाधीश आदित्य सिंह ने १९ नवंबर को दिया। न्यायालय ने अगले ७ दिनों में मस्जिद का चित्रण और फोटोग्राफी के साथ सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। इसके लिए न्यायालय ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। आदेश जारी होने के केवल २ घंटे बाद इस मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी महाराज ने इस विषय में दीवानी न्यायालय में याचिका दायर की थी।
दोपहर ४ बजे न्यायालय के आदेश के बाद प्रशासन ने ५ सदस्यीय समिति गठित की। शाम ६:१५ बजे जिलाधिकारी पानसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिष्णोई और सर्वेक्षण दल जामा मस्जिद पहुंचे। उनके साथ समिति के सदस्य भी थे। मस्जिद के भीतर दो घंटे तक सर्वेक्षण कर रात ८:१५ बजे यह दल बाहर निकला। सर्वेक्षण दल ने मस्जिद के अंदर का चित्रण और फोटोग्राफी की। सर्वेक्षण रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की जाएगी।
मस्जिद का सर्वेक्षण होने का समाचार मिलते ही मस्जिद के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। पुलिस ने उन्हें दूर कर दिया। सुरक्षा के मद्देनजर शहर में कई स्थानों पर पुलिस बल बढ़ा दिया गया। याचिकाकर्ता महंत ऋषिराज गिरी महाराज को मस्जिद के अंदर प्रवेश नहीं दिया गया। सर्वेक्षण के समय वे बाहर ही खड़े रहे। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता (पू.) हरीशंकर जैन महंत ऋषिराज गिरी के वकील हैं। उनके पुत्र और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी सर्वेक्षण के समय मस्जिद में उपस्थित थे।
Sambhal Jama Masjid Survey conducted within 2 hours after the Civil Court’s order.
The court direction came on an application filed by a mahant arguing that the ancient Temple was converted into a mosque by Mughal emperor Babur
Survey profoundly reveals the existence of Vishnu… pic.twitter.com/tjI1W9PtfE
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 20, 2024
शाही जामा मस्जिद पहले श्री हरिहर मंदिर थी !
कोतवाली क्षेत्र के कोट पूर्व में स्थित शाही जामा मस्जिद के बारे में महंत ऋषिराज गिरी महाराज ने अपनी याचिका में दावा किया है कि यह पहले श्री हरिहर मंदिर था। उनके अनुसार मस्जिद के मंदिर होने के कई प्रमाण मौजूद हैं। संभल में ही भगवान विष्णु का दसवां अवतार कल्कि होने वाला है।
“मस्जिद में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली!” – मस्जिद समिति
सर्वेक्षण के बाद शाही जामा मस्जिद समिति के अध्यक्ष जफर अली वकील ने कहा कि दल ने मस्जिद के हर भाग का सर्वेक्षण किया है। हम भी उनके साथ थे और हमने उनका सहयोग किया। सर्वेक्षण में अब तक कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली है जिससे संदेह उत्पन्न हो। यह वास्तव में जामा मस्जिद ही है।
“जो सर्वेक्षण होना था, वह पूरा हो गया!” – जिलाधिकारी
जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पानसिया ने कहा कि आयुक्त ने सर्वेक्षण किया है। याचिकाकर्ता, प्रतिवादी और समिति के सदस्य भी उपस्थित थे। सर्वेक्षण रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की जाएगी। सर्वेक्षण एक बार में पूरा कर लिया गया है। यदि आवश्यकता होगी तो भविष्य में न्यायालय के निर्देशानुसार और सर्वेक्षण किया जाएगा।
“मस्जिद में अब भी हिंदू मंदिर के कई चिह्न और निशान!” – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वर्ष १५२९ में बाबर ने मंदिर तोड़ा और उसे मस्जिद में बदल दिया। अब इस पर दावा किया गया है क्योंकि यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। ऐसे क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं हो सकता। मस्जिद में अभी भी हिंदू मंदिर से संबंधित कई चिह्न और निशान हैं। उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और अन्य संबंधित पक्षकार इस मामले में सम्मिलित हैं।
“वहां मस्जिद थी, है और रहेगी!” – सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क
संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। 1991 में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 1947 से जो धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं, वह उसी स्थिति में रहेंगे। कुछ लोग देश और राज्य का वातावरण खराब करना चाहते हैं। वहां एक मस्जिद थी, मस्जिद है और सदा मस्जिद ही रहेगी।
संपादकीय भूमिकादेश के हर स्थान पर ऐसे त्वरित सर्वेक्षण करके उसकी रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए तो विश्व को वास्तविक स्थिति समझ में आएगी और हिंदुओं पर हुए आक्रमणों का इतिहास उजागर होगा। |