सनातन संस्था की ओर से संपूर्ण देश में ७७ स्थानों पर हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ !

मुंबई – हिन्दू धर्म की अद्वितीय श्रेष्ठ परंपरा है ‘गुरु-शिष्य परंपरा’! गुरुपूर्णिमा के दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है । गुरुपूर्णिमा के दिन सामान्य की अपेक्षा १ सहस्र गुना कार्यरत गुरुतत्त्व का लाभ समाज को मिले; इसके लिए २१ जुलाई २०२४ को सनातन संस्था की ओर से संपूर्ण देश में ७७ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्‍सव’ मनाया गया । इसमें मराठी भाषा में ६४ स्थानों पर, हिन्दी भाषा में ८, तमिल भाषा में २, जबकि गुजराती एवं मलयालम भाषा में एक-एक स्थान पर गुरुपूर्णिमा महोत्सवों का आयोजन किया गया । महोत्‍सव के आरंभ में श्री व्यासपूजन तथा सनातन संस्‍था के प्रेरणास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन किया गया । कुछ स्थानों पर सनातन संस्था के मार्गदर्शन में साधना करनेवाले गुणवान छात्रों को सम्मानित किया गया ।

इस अवसर पर उपस्थित मान्‍यवर वक्ताओं ने ‘आनंदप्राप्ति एवं रामराज्य की स्थापना हेतु साधना’ विषय पर मार्गदर्शन करते हुए कहा, ‘‘रामराज्यरूपी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी’’, यह काले पत्थर पर अंकित श्वेत रेखा है । हमें यदि रामराज्य में रहना है, तो हमें साधना करते हुए धर्माचरणी बनना होगा । सर्वोच्च श्रेणी का तथा निरंतर टिका रहनेवाला आनंद केवल साधना से ही मिलता है । हममें ईश्वरप्राप्ति का आकर्षण हो अथवा न हो; परंतु तब भी एक अच्छा एवं संतोषजनक जीवन व्यतीत करने हेतु भी साधना करना महत्त्वपूर्ण है । इन गुरुपूर्णिमा महोत्सवों में ‘स्वरक्षा प्रशिक्षण’ का प्रत्यक्ष प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया गया ।

महर्षियों की आज्ञा के अनुसार गुरुपूर्णिमा के निमित्त श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की उतारी आरती !


रामनाथी (गोवा) – महर्षियों की आज्ञा से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने गुरुपूर्णिमा के दिन, अर्थात २१ जुलाई २०२४ को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आरती उतारी । इस अवसर पर सनातन पुरोहित पाठशाला के श्री. अमर जोशी एवं श्री. सिद्धेश करंदीकर ने वेदमंत्रों का पाठ किया ।

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से गुरुपूर्णिमा महोत्सव !

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से संपूर्ण देश में मराठी, बांग्ला, तेलुगु, कन्नड एवं हिन्दी भाषाओं में ७१ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ मनाया गया । इस अवसर पर समिति के कार्यकर्ता, साधक एवं जिज्ञासु बडी संख्या में उपस्थित थे ।कतरास (झारखंड) में आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में हिन्दी भाषा के ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की अनमोल सीख : खंड २ – आचरण एवं सूक्ष्म आयाम से सिखाना’ इस ग्रंथ का लोकार्पण किया गया तथा चेन्नई के गुरुपूर्णिमा महोत्सव में तमिल भाषा के ‘गुरु का महत्त्व’ तथा ‘गुरु का आचरण’, इन ग्रंथों का लोकार्पण किया गया ।

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ की ओर से गुरुपूर्णिमा महोत्सव !

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ की ओर से मुंबई (महाराष्ट्र) तथा कर्नाटक के बेंगळूरु में अंग्रेजी भाषा में तथा नाशिक (महाराष्ट्र) में मराठी भाषा में गुरुपूर्णिमा महोत्सव बडे हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया । इस अवसर पर व्यासपूजन किया गया । उसके उपरांत महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय का कार्य, पाठ्यक्रम तथा शोधकार्य का संक्षेप में परिचय कराया गया । ‘गुरु-शिष्य परंपरा एवं सनातन धर्म की वैज्ञानिकता’ विषय पर मार्गदर्शन तथा ‘टेम्पल रिसर्च’ विषय पर आधारित वीडियो का प्रसारण किया गया । (२२.७.२०२४)