तालिबान को सहायता करने वाले पाक को इसका परिणाम जल्द ही भोगना पडेगा ! – ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद
अफगानिस्तान की स्थिति सुधारने के लिए भारत और ईरान को एकत्र आने की आवश्यकता
अफगानिस्तान की स्थिति सुधारने के लिए भारत और ईरान को एकत्र आने की आवश्यकता
भारत के महिला संगठन, मानवाधिकार संगठन, आदि तालिबान के विरुद्ध मुंह क्यों नहीं खोलते अथवा क्या वे सोचते हैं कि तालिबान जो कर रहा है वह उचित है
लोकतंत्र के विरोध में जाकर सत्ता स्थापित करने वाले तालिबान को चीन द्वारा सहायता करने से लोकतंत्र को पुरस्कृत करने वाले पश्चिमी देश अब चीन के विरोध में ठोस भूमिका निभाएंगे क्या ?
पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को स्थाई रूप से रोकने हेतु पाकिस्तान को नष्ट करना अनिवार्य है ; यह बात भारत को जब समझ में आएगी, वह शुभ दिन सिद्ध होगा !
ऐसा हो, इससे पहले भारत को तालिबान की सहायता करने वाले पाकिस्तान को नष्ट करना होगा !
लोकतंत्र के प्रति प्रेम रखनेवाले, भारत के तालिबान प्रेमियों को अफगानिस्तान में शरीया कानून के अनुसार चलनेवाला लोकतंत्र अच्छा लगेगा और वे उसका समर्थन ही करेंगे !
टोनी ब्लेअर को जो लगता है वह विश्व के अन्य नेताओं को लगता है क्या, या वे अभी भी धर्मनिरपेक्षता की गोद में सो रहे हैं ?
क्या भारत में धर्मनिरपेक्षतावादी, आधुनिकतावादी , इस्लामवादी विद्वान आदि क्या इस विषय में बात करेंगे ? क्या वे तालिबान का विरोध करेंगे ?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा, “अब तालिबान से कैसे निपटना चाहिए ?, यह सभी देश विचार कर रहे हैं ।
जब तालिबान का इतिहास एवं वर्तमान क्रूरता के होते हुए भी, फारूक अब्दुल्ला ऐसा वक्तव्य देने साहस कैसे जुटाते हैं