इस्लामवादी विचारधारा और उससे होने वाली हिंसा सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरा ! – ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेअर

टोनी ब्लेअर को जो लगता है वह विश्व के अन्य नेताओं को लगता है क्या, या वे अभी भी धर्मनिरपेक्षता की गोद में सो रहे हैं ? – संपादक

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेअर

लंदन (ब्रिटेन) – मेरे अनुसार इस्लामवादी विचारधारा और उससे होने वाली हिंसा सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरा है । इसपर यदि समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो उसकी हानि हमें ही होने वाली है, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेअर ने दी । अमेरिका में ११ सितंबर, २००१ के दिन हुए आतंकवादी आक्रमण को २० वर्ष पूर्ण होने की पृष्ठभूमि पर लंदन में ‘रॉयल सर्विसेस इन्स्टिट्यूट’ में भाषण देते हुए ब्लेअर बोल रहे थे । (अमेरिका में हुए एक आतंकवादी आक्रमण पर विश्व स्तर पर चर्चा की जाती है; लेकिन काश्मीर में ३२ वर्षों से सहस्रों हिन्दुओं को जान से मारकर उतने ही हिन्दुओं को पलायन करने के लिए विवश किए गए इस्लामीवाद के आक्रमण के विषय में भारत में और विदेश में भी कोई कुछ नहीं बोलता, यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद ! – संपादक) ‘अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण, ये कट्टरवादी इस्लामी विचारधारा को खतरा समझकर उस ओर तिरछी आंखों से नहीं देख सकते’, ऐसा भी टोनी ब्लेअर ने बताया ।

ब्लेअर ने बताया कि,

१. कट्टरवादी इस्लाम यह ‘इस्लामवाद’ को अर्थात धर्म को राजकीय सिंद्धांत बनाने पर विश्वास रखता है । इतना ही नही, तो स्वयं का हित साध्य करने के लिए सशस्त्र संघर्ष आवश्यक होने पर वो भी योग्य है इस कट्टरवादी विचारधारा में माना जाता है । अन्य इस्लामवादियों को भी ऐसी ही बातों की अपेक्षा है; लेकिन वे हिंसा से दूर रहते हैं । फिर भी उनकी विचारधारा यह मुक्त, आधुनिक और सांस्कृतिक स्तर पर सहिष्णु समाज की विचारधारा के साथ विरोधाभास दिखाने वाली है ।

२. तालिबान यह संघङ्गन विश्व स्तर पर कट्टरवादी इस्लामी आंदोलन का एक भाग है । इसमें अलग अलग संघङ्गनों का सहभाग है । यह सभी संघङ्गन भले ही अलग अलग हो, तो भी उनकी विचारधारा समान ही है ।