ऐसा हो, इससे पहले भारत को तालिबान की सहायता करने वाले पाकिस्तान को नष्ट करना होगा ! – संपादक
फोंडा (गोवा) – “जिस प्रकार, कम्युनिस्टों ने पहले सोवियत संघ में स्वयं को स्थापित किया और तदोपरांत पोलैंड के साथ-साथ पूर्वी यूरोपीय देशों में भी अपनी विचारधारा को प्रसारित करने का प्रयत्न किया, उसी प्रकार तालिबान की नीति भी हो सकती है । तालिबान पहले स्वयं को अफगानिस्तान में स्थापित करने में कुछ समय लगाएगा ; किन्तु, भविष्य में उसके कश्मीर पर आक्रमण करने की संभावना है । इसलिए, भारत को सदैव सतर्क रहने की आवश्यकता है” ; यह वक्तव्य बेल्जियम में विश्व प्रसिद्ध लेखक कोएनराड एल्स्ट ने दिया । दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के एक प्रतिनिधि ने जब उनसे दूरभाष पर संपर्क किया, उस समय उन्होंने यह जानकारी दी ।
कार्यक्रम ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ के विषय में एल्स्ट ने कहा, “इस्लामिक आतंकवाद से विश्व का ध्यान हटाने और हिन्दुओं में हीनता की भावना को बढाने के लिए, ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया है ।” (ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से चलाए जा रहे हिन्दू विरोधी षडयंत्र से निपटने के लिए हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा देना आवश्यक है । ध्यान दें, कि हिन्दुओं के प्रभावी संगठन के माध्यम से, हिन्दू विरोधी विचारधारा के आतंकवादियों से सीधे टकराना सहज होगा ! – संपादक) । आजकल, अनेक लोग हिन्दू धर्म की रूढि व परंपराओं का ऊपर-ऊपर से अध्ययन करते हैं व हिन्दू धर्म में जाति व्यवस्था की आलोचना करते हैं । आर्य आक्रमण को सत्य मान, वे हिन्दू धर्म का विरोध करते हैं । इन हिन्दू विरोधियों का ज्ञान अति सीमित है !
गत कुछ वर्षों में, यूरोपीय देशों में शरण लेने वाले लाखों मुसलमान शरणार्थियों की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा करते हुए एल्स्ट ने कहा कि, ‘स्थानीय सरकारों द्वारा शरणार्थियों को यूरोपीय संस्कृति से एकीकृत करने के प्रयास किए जा रहे हैं ।कुछ शरणार्थी यहां की संस्कृति के अनुकूल होने का प्रयत्न कर रहे हैं, जबकि अन्यों के लिए इस्लामी संवेदनाओं के जागरण के कारण, यूरोपीय संस्कृति का हिस्सा बनना कठिन हो सकता है ।’