अफगानिस्तान में सरकार बनने से पूर्व ही तालिबान में अंतर्गत गुटबाजी !
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, हिब्तुल्लाह अखुंदजादा और सिराजुद्दीन हक्कानी के आमने-सामने आने से अंतर्गत कलह निर्माण होने का समाचार है ।
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, हिब्तुल्लाह अखुंदजादा और सिराजुद्दीन हक्कानी के आमने-सामने आने से अंतर्गत कलह निर्माण होने का समाचार है ।
बीबीसी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग ! लोगों का कहना है, कि बीबीसी ने ही फहीम दशती का सैटेलाइट नंबर सार्वजनिक किया था ।
अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर नियंत्रण प्राप्त करने में पाकिस्तान द्वारा तालिबान की सहायता करने के लिए एक ड्रोन आक्रमण ने उनके गठबंधन को मुहर-बंद (सील) कर दिया है । इस पृष्ठभूमि पर डगलस लंदन बोल रहे थे ।
इन देशों ने इसके पूर्व ही तालिबान से संपर्क स्थापित किया है । रूस, चीन, पाकिस्तान एवं तुर्कस्तान ने अफगानिस्तान में स्थित अपने दूतावास बंद नहीं किए हैं ।
ऐसा आरोप लगाकर तालिबान और पाकिस्तान पर कुछ परिणाम नहीं होता और होगा भी नहीं ! उसकी अपेक्षा पाकिस्तान को नष्ट करने के लिए भारत ने कुछ प्रयास किए, तो वह उचित रहेगा !
आतंकवादियों और कट्टरपंथियों का महिमा मंडन करना कांग्रेसियों की ‘परंपरा’ है । यह कष्टप्रद है, कि ऐसे राजनीतिक दल ने सबसे दीर्घकाल तक भारत पर शासन किया !
फगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर नियंत्रण स्थापित करने में असफल तालिबान ने वहां आक्रमण का पुनः एक बार प्रयास किया है । इसमें उसके ४० आतंकी मारे गए ।
आज नहीं तो कल तालिबानी आतंकी अपनी आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए भारत में घुसेंगे, यह तो निश्चित है । उससे पूर्व ही भारत को पाक अधिकृत कश्मीर को मुक्त करने हेतु आक्रमण करना आवश्यक !
‘चीन के उघुर मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हमें अधिकार है’, ऐसा बोलने का साहस तालिबानी आतंकी क्यों नहीं दिखाते ? इससे उनका छद्म मुसलमानप्रेम और भारतद्वेष दिखाई देता है !
तालिबान की मानसिकता, उसका इतिहास और पाक के बहकाने वाले कथनों पर कौन विश्वास करेगा ? स्वयं के पिता और भाई को जान से मारने की मुगलाई मानसिकता वाले जिहादियों पर विश्वास करने की मूर्खता भारत कभी भी नहीं करेगा !