काबुल हवाई अड्डे से कथित अपहरण हुए १५० नागरिक सुरक्षित
यहां के हवाई अड्डे के पास से १५० नागरिकों के अपहरण किए जाने का वृत्त प्रसारित हुआ था; लेकिन स्थानीय अफगानी मीडिया ने स्पष्ट किया कि, ये १५० नागरिक सुरक्षित हैं ।
यहां के हवाई अड्डे के पास से १५० नागरिकों के अपहरण किए जाने का वृत्त प्रसारित हुआ था; लेकिन स्थानीय अफगानी मीडिया ने स्पष्ट किया कि, ये १५० नागरिक सुरक्षित हैं ।
२० वर्षों के संघर्ष के पश्चात भी अफगानिस्तान को तालिबान से मुक्त न कर पाने वाले अमेरिका की यह चेतावनी हास्यास्पद ही है !
ट्विटर पर तालिबानियों के खातें चालू ही हैं !
मात्र अफगानिस्तान के प्रभारी राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह का खाता बंद कर दिया है !
राष्ट्र-प्रेमियों को यही लगता है कि, वास्तव में ऐसा आदेश केंद्र सरकार को ही देना चाहिए एवं जिन लोगों ने अब तक ऐसा समर्थन दिया है, उन्हें तत्काल बंदी बना कर कारागृह में डाल देना चाहिए !
उन्होने दूतावास की अलमारियों में कुछ कागजपत्रों को ढूंढा । तालिबानी दूतावास परिसर में खडी गाडियां भी ले गए हैं ।
‘क्रूरता’, ‘विश्वासघात’, ‘अन्यों पर अन्याय करना’ आदि समान ‘गुण’ वाले तालिबान और चीन के एक साथ आने पर आश्चर्य कैसा ?
क्या हिन्दू आतंकवादी होने का एक भी उदाहरण है, मुनव्वर राणा के पास ? इसके विपरीत, मुसलमान आतंकवादी हैं, इसे प्रमाणित करने की भी आवश्यकता नहीं है !
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के (मुसलमानों के अखिल भारतीय कानून समिति के) प्रवक्ता मौलाना (इस्लामी अभ्यासक) सज्जाद नोमानी ने तालिबान का समर्थन किया है ।
भारत में मुसलमान महिलाओं के अधिकारों के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के विरुद्ध आंदोलन करने से डरने वाली तथाकथित प्रगतिशील महिलाओं को इससे सीख लेनी चाहिए !
बर्क जैसे लोगों को ‘स्वतंत्र’ हुए अफगानिस्तान में किसी ने भेजने की मांग की, तो आश्चर्य नहीं लगना चाहिए !