६१ वर्षों में अनेक प्रकरणों में आर्थिक घोटाले !
श्री. प्रीतम नाचणकर
मुंबई, २३ अप्रैल (समाचार ) – १९६२ से २०२० तक ६१ वर्षों की अवधि के में महाराष्ट्र के अनेक जिला परिषदों और पंचायत समितियों में कुल ९ सहस्त्र ६१० करोड ३२ लाख रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है। राज्य की जिला परिषदों और पंचायत समितियों की वर्ष २०१९-२० लेखा परीक्षा पुनर्विलोकन समीक्षा विवरण में धक्कादायक अपहार उजागर हुए हैं । यह विवरण विधानमंडल कक्ष में आयोजित अर्थसंकल्पीय सत्र में प्रस्तुत किया गया था । इतने वर्षों में करोडों रुपये का भ्रष्टाचार होने के उपरांत भी घोटाले की राशि वसूल नहीं की गयी है। प्रतिवेदन में स्थानीय स्वराज्य निकायों में विभिन्न प्रकार के घोटालों का उल्लेख किया गया है, जैसे; घटिया सामग्री का क्रय , व्यय भुगतान का स्पष्टीकरण न करना, भुगतान में हेराफेरी करना, नकली व्यक्ति दिखाकर धन का वितरण करना।
दोषियों पर कार्रवाई नहीं !
ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की विभिन्न योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए जिला स्तर पर जिला परिषदें और तालुका स्तर पर पंचायत समितियां होती हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए धन सीधे स्थानीय स्वराज्य संस्थाओऺ जैसे जिला परिषदों और पंचायत समितियों द्वारा प्राप्त किया जाता है; किन्तु सरकार का ये लेखा परीक्षण विवरण इंगित करता है कि अधिकाधिक योजनाओं में भ्रष्टाचार है। इनमें से अनेक प्रकरणों में पुनर्निरीक्षण तथ्यों से घोटाले उजागर होने के उपरांत पैसे की वसूली भी हो चुकी है; किन्तु दोषियों पर कोई दंडनीय कार्रवाई नहीं की गयी।
निधि के भ्रष्टाचार के १ सहस्त्र ७५१ प्रकरण !
१९६२ से २०२० की अवधि के बीच राज्य में जिला परिषदों और पंचायत समितियों के बीच विभिन्न योजनाओं में विसंगतियों के १,,७५१ प्रकरण प्रविष्ट हैं। इसमें १९६२ से २०१२ तक की अवधि में हेराफेरी के १ सहस्त्र ६४० प्रकरण हैं। प्रतिवेदन में इंगित किया गया है कि निधि का अवैध उपयोग , निधि के उपयोग में ढिलाई, घोटाले आदि के प्रकरण समाहित हैं ।
🔥SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE
Embezzlement of Rs 9,610 Crore in most Jilla Parishads and Panchayat Committees in #Maharashtra
💰Embezzlement in several cases over 61 years
🛑 1,751 cases of fund embezzlement
⚖️ 🚨 No action against the culprits#25YearsOfDainikSanatanPrabhat… pic.twitter.com/ku850SGBi0
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 23, 2024
भ्रष्टाचार के कुछ आंकडे !
१. मार्च २०२० तक कुल ३२६ घोटालों के प्रकरण, जिनमें से जवाहर रोजगार योजना के अंतर्गत १८० और ग्राम निधि के अंतर्गत १४६ प्रकरण, ठाणे जिला परिषद के सामान्य प्रशासन विभाग में लंबित थे। इसमें ४ करोड ८१ लाख १० सहस्त्र ७७४ रुपये का विनियोग हुआ था । मार्च २०२० तक हुए घोटालों की राशि में से केवल १ करोड ६३ लाख ३९ सहस्त्र ३५९ करोड रुपये ही वसूल किये गये।
२. नासिक जिले में ग्राम निधि और जवाहर रोजगार योजना की निधि में ७३७ कार्यों में घोटाले किए गए हैं तथा इसमें १४ करोड ७७ लाख २२ सहस्त्र ९०१ रुपये की भारी राशि का विनियोग हुआ है । मार्च २०२० तक मात्र ३ करोड ६४ लाख ३१ सहस्त्र ७०० रुपये की वसूली हो सकी है।
३. पुणे जिला परिषद में जवाहर रोजगार योजना और ग्राम निधि योजना के २१० कार्यों में ९ करोड ७६ लाख १३ सहस्त्र ९८७ रुपये का घोटाला किया गया है।
४. मार्च २०२० तक वर्धा जिले और ग्राम पंचायतों में सरकारी धन के घोटाले के ८११ प्रकरण लंबित थे। जिसमें से ३१ करोड ९६ १० सहस्त्र २८० रुपये की वसूली नहीं हुई ।