(और इनकी सुनिए…) ‘दक्षिण एशिया के एक देश को पारंपरिक हथियारों की अत्यंत सहजता से आपूर्ति !’ – मुहम्मद उस्मान इकबाल जादून, पाकिस्तान

पाकिस्तान अधिकृत जिहादी आतंकियों से दो दो हाथ करने के लिए भारत ने आक्रामक कूटनीति की रचना की । इसलिए अब यदि पाकिस्तान को जलन हो रही हो, तो इसमें आश्‍चर्य कैसा !

(और इनकी सुनिए…) ‘भारत द्वारा कश्मीर से धारा ३७० हटाना संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के विरुद्ध है !’ – जनरल मुनीर, पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष

ध्यान दें कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख इस डर से अमेरिका से गुहार लगा रहे हैं, कि भारत ने अनुच्छेद ३७० निरस्त कर दिया है तथा अब वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लेगा ।

India In UN : आतंकियों को आश्रय देनेवाले देशों पर कार्रवाई करें !

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज की मांग

Gaza Ceasefire : संयुक्त राष्ट्र में गाजा में युद्धविराम का प्रस्ताव पारित : भारत का समर्थन 

जिन लोगों ने क्रूरता दिखाई है, उन्हें समाप्त किया जाएगा ! – इजराइल

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा इजरायल-हमास के मध्य युद्धविराम का स्वागत !

बंधकों को बिना शर्त छोडने का आवाहन !

गाजा की परिस्‍थिति के लिए संयुक्‍त राष्ट्र उत्तरदायी है ! – इजरायल

तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कारण कश्‍मीर का मुद्दा संयुक्‍त राष्ट्र में उठाया गया और अब वह जटिल समस्‍या बन गया है । यह जानते हुए ही कदाचित् इजरायल संयुक्‍त राष्ट्र को चेतावनी दे रहा है !

धार्मिक स्थलों पर होने वाले आक्रमण रोकें – भारत ने कनाडा को सुनाया

धार्मिक और वांशिक अल्पसंख्यकों के प्रार्थनास्थलों पर होने वाले आक्रमण रोकें, ऐसे शब्दों में भारत ने कनाडा को सुनाया । भारत के स्थायी समिति के सचिव के. एस. मोहम्मद हुसैन ने पिछले सप्ताह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की ब्योरा बैठक में कनाडा को अच्छे ढंग से सुनाया ।

गाजापट्टी के शरणार्थी शिविर में छिपे हमास के २ कमांडर ढेर ! – इजरायल 

इजरायल ने गांजा पट्टी के सबसे बड़े जबालिया शरणार्थी शिविर पर आक्रमण किया, जिसमें १९५ से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए और ७७७ घायल हुए हैं ।

यहूदी बच्चों की हत्याओं पर विश्व मौन है ! – इजराइल

संयुक्त राष्ट्र में गाजा पर इजरायली आक्रमण का विरोध करते हुए और संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। एर्दान उसकी आलोचना करते हुए बोल रहे थे।