‘आईआईटी रुडकी’ ने किया वैज्ञानिक परीक्षण हुआ सफल !
अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – आनेवाली श्रीराम नवमी को अर्थात १७ अप्रैल को सूर्य की किरणें श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला का अभिषेक करेंगी । मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगाई ‘ऑप्टोमेकॅनिकल प्रणाली’ द्वारा (यंत्र और प्रकाश की संयुक्त प्रणाली द्वारा) श्रीराम नवमी को दोपहर १२ बजे सूर्य की किरणें गर्भगृह में पहुंचेगी । यहां किरणें आईने से परावर्तित होगी और रामलला के भालप्रदेश पर ७५ मिलिमीटर आकार के गोल तिलक के रूप में सीधी ४ मिनट देखने को मिलेगी ।
‘आईआईटी रुडकी’ के प्रयत्नों से यह सूर्यतिलक साकार हो रहा है । मंदिर के पुजारी अशोक उपाध्याय ने इस संदर्भ में बताया कि गर्भगृह की तीसरी मंजिल पर सूर्यतिलक के लिए वैज्ञानिक उपकरण लगाए गए हैं ।
(सौजन्य : TV9 Bharatvarsh)
ऐसी है उपकरणोेंं की व्यवस्था !
उपक्रम के वैज्ञानिक देवदत्त घोष ने कहा कि यह व्यवस्था सूर्य के मार्ग परिवर्तन के सिद्धांतों पर आधारित है । इसमें एक ‘रिफ्लेक्टर’ (परावर्तक), २ आईने, ३ लेंस (ताल) और पीतल का पाईप प्रयुक्त किया गया है । सूर्यकिरणें छत पर लगाए रिफ्लेक्टर पर आकर बाद में पहले आईने पर आएगी । वहां से वे नीचे की ओर परावर्तित होगी । प्रत्येक मंजिल पर एक लेंस है । पीतल के पाईप के माध्यम से अगले आईने तक पहुंचेगी । दूसरा आईना गर्भभृह में श्रीरामलला के मस्तक के सामने होगा । इसके द्वारा सूर्यकिरणें श्रीरामलला का अभिषेक करेंगी ।