तुर्की में भूकंप से पृथ्वी पर ३०० कि.मी. लंबी दरार !
तुर्की एवं सीरिया में ६ फरवरी को हुए ७.८ रिक्टर स्केल के विनाशकारी भूकंप से पृथ्वी की सतह पर ३०० कि.मी. लंबी दराऱ देखी गईं ।
तुर्की एवं सीरिया में ६ फरवरी को हुए ७.८ रिक्टर स्केल के विनाशकारी भूकंप से पृथ्वी की सतह पर ३०० कि.मी. लंबी दराऱ देखी गईं ।
तुर्की महिला ने माना भारतीय सैनिकों का आभार !
मृतकों की संख्या १५ सहस्र से अधिक
तुर्की और सीरिया देश में भूकंप के कारण अब तक ८ सहस्त्र से भी अधिक लोगों की मृत्यु हुई है । इसके साथ ही इमारत के मलबे के नीचे सहस्रों लोगों के दब जाने से मृतकों की संख्या में बढोतरी होने की आशंका बताई जा रही है।
आर्थिक संकट के समय तुर्की में आए भूकंप के कारण वहां की अर्थव्यवस्था को बडा झटका लगा है । वहां की मुद्रा ‘लिरा’ के मूल्य में गिरावट हुई है । अमेरिका के भूगर्भ विशेषज्ञों द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के कारण १ अरब डॉलर (लगभग ८ सहस्र करोड रुपए) की हानि होने का अंदाजा है ।
प्रधानमंत्री मोदी ने भूकंप के बारे में दुःख व्यक्त किया है । उन्होंने कहा कि, भारत तुर्की के लोगों के साथ खडा है और इस संकट से निपटने के लिए हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है ।
वर्तमान में उत्तराखंड का जोशीमठ भूस्खलन का सामना कर रहा है; लेकिन संपूर्ण जोशीमठ गांव को स्थानांतरित करना अयोग्य है, ऐसा मत जोशीमठ के सर्वेक्षण के लिए गए दल ने व्यक्त किया । किसी भी ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले यह दल जोशीमठ का पुन: सर्वेक्षण करेगा ।
जोशीमठ (उत्तराखंड) में भूस्खलन !
कर्णप्रयाग में भी भूस्खलन
उत्तराखंड सरकार के मंत्री डॉ. धनसिंह रावत की सूचना के उपरांत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ‘इसरो’ ने जोशीमठ गांव में हो रहे भूस्खलन की उपग्रह के माध्यम से लिए छायाचित्र हटाने के लिए कहने पर उन्हें अपनी वेबवाइट से हटाया है ।