शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में भी दरारें पडीं !

जोशीमठ (उत्तराखंड) में भूस्खलन !

देहरादून (उत्तराखंड) – यहां के जोशीमठ क्षेत्र में भूस्खलन होने के कारण ६०० परिवारों को स्थानांतरित किया गया है । यहां के प्राचीन ज्योतिर्मठ परिसर में घर की दीवारों के साथ यहां के शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में भी दरारें आई हैं । ज्योतिर्मठ के प्रमुख ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि मठ का प्रवेशद्वार, लक्ष्मीनारायण मंदिर तथा उसके सभागृहों में दरारें पडी हैं । इसी परिसर में तोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर तथा ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्थित हैं ।

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जोशीमठ के भूस्खलन को लेकर चिंता व्यक्त की है । शंकराचार्य ने कहा कि ज्योतिर्मठ पर भी इस भूस्खलन का संकट छाया है । सरकार को भूस्खलन से प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता करने के साथ उनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए । गत वर्ष से भूस्खलन के संकेत मिलते रहने पर भी ध्यान नहीं दिया गया ।

भूस्खलन के लिए उत्तरदायी सुरंग का काम बंद करने का आदेश होते हुए भी काम चालू !

जोशीमठ भाग में भूस्खलन से ५६१ घरों में दरारें आई हैं । उनमें रहनेवालों को स्थानांतरित किया जाएगा । यद्यपि इस भूस्खलन के पीछे अनेक कारणों में एक कारण यहां के नेशनल थर्मल पॉवर कॉपारेशन के जलविद्युत प्रकल्प की सुरंग तथा ‘चार धाम ऑल-वेदर रोड’ का (हेलंग-मारवाडी बाईपास) काम रोकने का आदेश दिया गया है, परंतु यह काम अभी तक नहीं रुका है । यहां बडे बडे यंत्र निरंतर पहाड खोदने का काम कर रहे हैं । यहां की परिस्थिति दिनोंदिन अधिक कठिन होती जा रही है । लगभग ५० सहस्र जनसंख्या वाले इस नगर में भय के कारण रात्रि के समय कडी ठंड में भी लोगों को घर गिरने के भय से घर के बाहर रहना पड रहा है । प्रशासन तथा राज्य आपातकालीन व्यवस्थापन अधिकारियों के साथ विशेषज्ञ दल ने जोशीमठ के प्रभावित भागों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण आरंभ किया है ।

मुख्यमंत्री पुष्कार धामी ने किया जोशीमठ का भ्रमण !

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ७ जनवरी को जोशीमठ का भ्रमण किया । उन्होंने इससे पूर्व ही संकटग्रस्त क्षेत्र तत्काल रिक्त करने तथा प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित स्थान पर एक बडा पुनर्वास केंद्र बनाने का आदेश दिया है । जिन परिवारों के घर रहने योग्य नहीं हैं, ऐसे परिवारों को सरकार ने भाडे के घर में जाने को कहा है । भाडा के लिए सरकार उन्हें प्रति माह ४ सहस्र रुपए देगी ।

कर्णप्रयाग में भी भूस्खलन

राज्य के कर्णप्रयाग के घरों में भी दरारें पडने की बात सामने आई है । यहां के बहुगुणानगर, सीएमपी बैंड तथा सब्जी मंडी क्षेत्र के ५० से अधिक घरों में दरारें पड गई है । इससे पूर्व वर्षाकाल में यहां भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं ।

यहां के २५ घरों में २ फूट की दरारें पडी हैं । इसलिए बहुत से लोग घर छोड कर यहां से जा चुके हैं; परंतु पर्याय न होने से कुछ लोग भय की छाया में यहां रहने को बाध्य हैं । विशेषज्ञों द्वारा इस भाग का सर्वेक्षण किया गया है तथा इसका हल निकालने का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है । निधि सम्मत होने पर इसका काम आरंभ होगा ।