‘मन्त्रमूलं गुरोर्वाक्यं ।’, के अनुसार जिनका प्रत्येक वाक्य और शब्द मंत्र की भांति कार्य करता है’, ऐसे सनातन के साधकों के लिए संजीवनी बने ३ महान गुरु !

आजकल कोरोना विषाणु के कारण भारत एवं विश्व के सभी देशों में हाहाकार मचा हुआ है । मनुष्य का शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन बाधित हो गया है । एक विषाणु ने विज्ञान में प्रगत मनुष्य को असहाय बना दिया है

साधना का महत्त्व

‘साधना करने से हिन्दू धर्म का महत्त्व समझ में आता है तथा हिन्दू धर्म समझ में आने पर ही वास्तव में समाज, राष्ट्र तथा धर्म का कल्याण करने हेतु प्रयत्न हो पाते हैं ।’

गुरुपूर्णिमा पर वर्णसुमन रचित अभिनंदन !

श्री : श्री हैं आप, श्रीहरि के सगुण अवतार हैं आप श्रीमन्,
श्री : श्रेष्ठतम साधना का उपहार दिया है हमें आपने श्रीमन्,