धर्मसंस्थापना के दैवी कार्य में सम्मिलित होकर जीवन का कल्याण करें !

गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी का संदेश !

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ

पृथ्वी पर अधर्म फैलने पर ईश्वर अवतार लेते हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं । ‘न मे भक्तः प्रणश्यति ।’ (मेरे भक्त का नाश नहीं होता ।) ऐसा भगवान श्रीकृष्ण ने भक्तों को वचन दिया है । श्रीराम-श्रीकृष्ण आदि अवतारों ने अनेक लीलाएं कर भक्तों की रक्षा की । प्रभु श्रीरामचंद्र ने समस्त जीवों के कल्याण हेतु रामराज्य स्थापित किया । भगवान श्रीकृष्ण ने दुष्ट कौरवों को पराजित कर धर्मराज्य स्थापित किया । कलियुग में भी श्रीमन्नारायणस्वरूप परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने धर्मसंस्थापना का महान कार्य आरंभ किया है । जिस प्रकार श्रीराम के कार्य में सहभागी होकर वानरसेना ने स्वयं का उद्धार किया, उसी प्रकार परात्पर गुरु डॉक्टरजी के धर्मस्थापक दैवीय कार्य में सहभागी होकर जीवन का कल्याण कर लें !’ – श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ, सनातन आश्रम, रामनाथी (२८.४.२०२१)