आध्यात्मिक कष्टों को दूर करने हेतु उपयुक्त दृष्टिकोण

कभी-कभी कष्ट की तीव्रता बहुत बढ जाने से नामजप करते समय बार-बार ध्यान विचलित होता है तथा उसे भावपूर्ण करने का चाहे कितना भी प्रयास करें, तब भी वह भावपूर्ण नहीं हो पाता ।

ग्रंथमाला : ‘कुम्भपर्व एवं वर्तमान स्थिति’

कुम्भमेला अर्थात हिन्दुओं का धार्मिक सामर्थ्य बढानेवाला पर्व ! प्रस्तुत ग्रन्थ में कुम्भपर्वक्षेत्र एवं उसकी महानता, कुम्भमेले की विशेषताएं, कुम्भक्षेत्र में करने-योग्य धार्मिक कृत्य एवं उनका महत्त्व, धर्मरक्षक अखाडों का महत्त्व, हिन्दू धर्म के उत्थान की दृष्टि से कुम्भमेले के कार्य आदि सम्बन्धी मौलिक विवेचन किया गया है ।

क्या आपको व्यायाम करना उबाऊ लग रहा है ? तो यह करें !

विश्व के आधुनिकीकरण के साथ उत्पन्न शारीरिक समस्याओं के समाधान के रूप में ‘व्यायाम’ एक प्रभावशाली माध्यम सिद्ध हुआ है । आजकल इस विषय पर बहुत चर्चा हो रही है तथा इस विषय में जागृति भी आई है; परंतु तब भी व्यायाम करनेवालों की संख्या अल्प ही दिखाई देती है ।

करवा चौथ

हम उन महान ऋषि-मुनियों के श्रीचरणों में कृतज्ञतापूर्वक नमन करते हैं कि उन्होंने हमें व्रत, पर्व तथा उत्सव का महत्त्व बताकर मोक्षमार्ग की सुलभता दिखाई । हिन्दू नारियों के लिए ‘करवा चौथ’ का व्रत अखंड सुहाग देनेवाला माना जाता है ।

दीपावली : एक आनंदपर्व

दीपावली प्रकाश का त्योहार है । ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’, अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर ले जानेवाला त्योहार है; इसलिए उसे ‘ज्योतिपर्व’ भी कहते हैं ।

नरक चतुर्दशी

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को ‘नरक चतुर्दशी’ कहते हैं । नरकासुर नामक अधम तथा क्रूर राक्षस के अंतःपुर में १६ सहस्र स्त्रियां बंदीवास में थीं । पृथ्वीलोक के सभी राजा उसके अत्याचार से त्रस्त थे । तब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने का निश्चय किया । उसके शिरच्छेद का दायित्व सत्यभामा ने लिया ।

उबटन लगाने की उचित पद्धति क्या है ?

दूसरे व्यक्ति की पीठ पर उबटन लगाते समय पीठ की रीढ की रेखा के पास, दोनों हाथों की उंगलियों का अग्रभाग आए इस प्रकार रखकर ऊपर से नीचे की दिशा में दोनों हाथ एक साथ घुमाएं ।

लक्ष्मीपूजन की महिमा !

सामान्यतः अमावस्या अशुभ मानी जाती है; परंतु दिवाली की अवधि में अमावस्या भी शरद पूर्णिमा अर्थात कोजागरी पूर्णिमा समान ही कल्याणकारी और समृद्धिदर्शक होती है । इस दिन श्री लक्ष्मीपूजन और अलक्ष्मी नि:सारण इत्यादि धार्मिक विधियां की जाती हैं ।

श्री लक्ष्मीदेवी किसके घर में वास करती हैं ?

धर्मानुसार पालन करना, ईश्वर की भक्ति करना, धर्म एवं राष्ट्र के प्रति जागरूक रहकर दक्षता से कर्तव्य निभाना इत्यादि करने से ही देवी लक्ष्मी की कृपा होगी और वे घर में वास करने अवश्य आएंगी ।