Dhaka Tribune : (और इनकी सुनिए…) ‘हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमण धार्मिक नहीं, अपितु राजनीतिक !
यदि बांग्लादेश के प्रसारमाध्यमों के संपादक ऐसे हैं, तो हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमणों के विषय में सत्य तथा वस्तुनिष्ठ जानकारी विश्व के समझमें कैसे आएगी ?
यदि बांग्लादेश के प्रसारमाध्यमों के संपादक ऐसे हैं, तो हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमणों के विषय में सत्य तथा वस्तुनिष्ठ जानकारी विश्व के समझमें कैसे आएगी ?
कितने हिन्दुत्वनिष्ठ राजनीतिज्ञ इस प्रकार हिन्दुओं की रक्षा हेतु स्पष्टरूप से भूमिका प्रस्तुत करते हैं ? इसी कारण से हिन्दुओं को योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं का ही आधार लगता है, यह समझ लें !
इसपर कौन विश्वास करेगा ? प्रा. युनूस को पहले पीडित हिन्दुओं को क्षतपूर्ति देनी चाहिए और बाद में उनपर अनाचार करनेवालों पर र्कायवाही कर दिखानी चाहिए !
हिन्दू जनजागृति समिति के सहयोग से विविध हिन्दू संगठनों ने इस सभा का आयोजन किया था ।
बांग्लादेश सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शमदुद्दीन चौधरी माणिक को भारत में भागने का प्रयास करते समय, सीमा पर बंदी बना लिया गया । स्थानीय लोगों ने उन्हें पकडकर पुलिस को सौंप दिया ।
जिस प्रकार पाकिस्तान अपने देश में सभी प्रकार के संकटों के लिए भारत को दोषी मानता है, स्पष्ट है कि बांग्लादेश भी वैसा ही करेगा ! साथ ही इस बात की भी अवहेलना नहीं किया जा सकता कि भारत पर क्रोध निकालने के लिए हिन्दुओं पर अत्याचार बढेगा !
बांग्लादेश के हिन्दुओं के लिए शंकराचार्यों ने उठाई आवाज !
‘भारतीय किसान यूनियन’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट ने कहा कि, भारत की स्थिति बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी है । बांग्लादेश में जो हुआ वैसा आंदोलन भारत में भी हो सकता है ।
बांग्लादेश में अब तक हिन्दुओं पर अत्याचार चल ही रहे हैं !
ऐसा कहने वाले संयुक्त राष्ट्र में यह कहने का साहस नहीं है कि ‘यह हिंसा मुस्लिम कट्टरपंथियों ने की थी । वहां के मुसलमान असहिष्णु हैं । वे लगातार हिंदुओं पर अत्याचार कर रहे हैं ।’ अब केंद्र सरकार को संयुक्त राष्ट्र से उत्तर मांगना चाहिए!