मानव द्वारा वृहद परिमाण पर भूमिगत जल निकाल कर सिंचाई करने के कारण पृथ्वी की धुरी बदल रही है ! – अनुसंधान
‘प्रकृति मनुष्य के लिए है और मनुष्य को इसे नोच कर उपभोग करने का अधिकार है’, इस पश्चिमी अवधारणा के कारण ऐसे विनाशकारी जलवायु परिवर्तन हो रहे हैं, तो इसमें आश्चर्य क्या है!